अवैध खनन का जिम्मेदार कोई बचने न पाए, कई अधिकारियों पर मुकदमा
अवैध खनन की जांच कर रही सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि कौशाम्बी व शामली में अवैध खनन के जिम्मेदार पाए गये अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में अवैध खनन की जांच कर रही सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि कौशांबी व शामली जिले में अवैध खनन में लिप्त पाए गए अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। शेष चार जिलों की जांच चल रही है। सीबीआइ के अधिवक्ता अमित मिश्र ने बताया कि छोटे से बड़े स्तर तक के अधिकारी लिप्त पाए गए है। सीबीआइ सत्ता में बैठे लोगों की भूमिका की भी जांच रही है। कोर्ट ने कहा कि अवैध खनन में जो भी अधिकारी लिप्त पाए जाएं उनमें किसी को भी बख्शा न जाए। कोई भी दोषी बचने न पाए जिससे कि यह लोगों के लिए एक सबक हो।
अमर सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए क्या तकनीक अपनाई गई है। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एनडी सिंह शेखर ने कोर्ट को बताया कि सरकार अवैध खनन पर रोक नहीं लगा पा रही है।
जिला पंचायतें वाहनों से कर वसूल कर रही हैं। अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार ने अवैध खनन पर रोक के कदम उठाए हैं। नियमावली में बदलाव किया गया है। वाहनों में जीपीआरएस लगाए जा रहे हैं। उन्होंने समय मांगा और कहा कि उठाए गए कदमों के ब्योरे के साथ हलफनामा दाखिल करेंगे। कोर्ट ने कहा कि अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही की जाए। मामले की सुनवाई 12 जनवरी 2018 को होगी।