अयोध्या में अनी ग्रुप कंपनी ने हड़पे 12 सौ निवेशकों के 30 करोड़ रुपये
अयोध्या में जालसाजी के आरोप में अनी ग्रुप कंपनी के ब्रांच मैनेजर ने संचालक पति-पत्नी पर दर्ज कराया मुकदमा।
अयोध्या, जेएनएन। जिले में एक और पोंजी कंपनी का कारनामा उजागर हुआ है। अनी ग्रुप नामक कंपनी 12सौ लोगों के 30 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गई। निवेशकों के ठगे जाने का पता चलने के बाद कंपनी के ब्रांच मैनेजर अनिल मिश्र ने एसएसपी आशीष तिवारी से इसकी शिकायत की। एसएसपी ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया।
अनी ग्रुप के संचालक अजीत कुमार गुप्त, उसकी पत्नी निहारिका ङ्क्षसह, सहयोगी अंजनी कौशल, संतोष गुप्त और धर्मेंद्र कौशल पर महराजगंज थाना में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। छानबीन में सामने आया है कि अजीत अपनी पत्नी निहारिका को भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी बताकर लोगों को झांसे में लेकर कंपनी में रुपये निवेश कराता था। अनी ग्रुप जिले में काफी समय से सक्रिय है। 30 करोड़ रुपये का गबन कागजों पर सामने आया है, जबकि आशंका ज्यादा रुपये हड़पे जाने की है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। कुमारगंज स्थिति कंपनी के कार्यालय पर ताला लटक चुका है।
अनिल मिश्र की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार अजीत को वह करीब दस वर्ष से जानते हैं। अजीत ने उन्हें अपनी कंपनी के बारे में सब्जबाग दिखाकर पहले अनिल के माध्यम से लोगों से रुपये निवेश कराए और उसके बाद उन्हें ब्रांच मैनेजर बना दिया। अजीत के अनुसार निवेशकों को जमा धन का प्रतिवर्ष 40 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा और दस प्रतिशत कमीशन प्रतिमाह मिलेगा। निवेशकों को आई विजन इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लक्ष्मीनगर दिल्ली के नाम का डिपॉजिट प्रमाणपत्र भी दिया जाता था।
अनिल का कहना है कि छह-सात माह से अजीत ने निवेशकों का भुगतान बंद कर दिया। आपत्ति दर्ज कराने पर अनिल ने भुगतान करने से मना कर दिया। अनिल ने कहा कि अजीत ने उन्हें भी धोखे में रखा। अजीत कुमारगंज का मूल निवासी है, जो लखनऊ के विराट खंड गोमतीनगर में रहता है। अंजनी रामनगर कुमारगंज, जबकि संतोष और धर्मेंद्र मवई थाना क्षेत्र के बाबाबाजार के निवासी हैं। थाना प्रभारी श्रीनिवास पांडेय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।