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शव बदलने के मामले में सहारा अस्पताल पर एफआइआर, लगा धार्मिक भावना आहत करने का आरोप

लखनऊ के सहारा अस्पताल में शव के बदलने पर परिवारीजनों ने अस्पताल प्रशासन पर की एफआइआर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 11:22 AM (IST)
शव बदलने के मामले में सहारा अस्पताल पर एफआइआर, लगा धार्मिक भावना आहत करने का आरोप
शव बदलने के मामले में सहारा अस्पताल पर एफआइआर, लगा धार्मिक भावना आहत करने का आरोप

लखनऊ, जेएनएन। गोमतीनगर स्थित सहारा अस्पताल में बीते दिनों इशरत मिर्जा का शव बदलने के मामले में उनके बेटे एजाज हैदर ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रविवार को विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनकी मां के शव का अपमान किया गया। इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

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यह है मामला 

एसएचओ राजीव द्विवेदी के मुताबिक अलीगंज सेक्टर जे निवासी इशरत मिर्जा को उनके परिवारीजनों ने इलाज के लिए छह फरवरी को सहारा अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान इशरत की 11 फरवरी को अस्पताल में मौत हो गई थी। मौत के बाद बेटी रिम्मी मिर्जा और दामाद ने शव को मॉर्च्यूरी  

मॉर्च्यूरी में रखवा दिया था, क्योंकि इशरत के तीन बेटे विदेश में रहते हैं। परिवारीजनों ने बेटों के आने पर शव के अंतिम संस्कार का हवाला देते हुए मॉर्च्यूरी में रखवा दिया था। इस बीच 12 फरवरी को दुबई में रहने वाला डॉक्टर बेटा लखनऊ आया। परिवारीजन शव लेने के लिए अस्पताल पहुंचे, जहां अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने उन्हें किसी अर्चना गर्ग नाम की महिला का शव सौंप दिया। अर्चना के हाथ पर लगे टैग से पता चला कि शव इशरत का नहीं है। उन्होंने विरोध किया तो अस्पताल प्रबंधन के लोगों से नोकझोंक शुरू हो गई। हंगामा चलता रहा। 

जांच की गई तो पता चला कि पार्थिव शरीर गोमतीनगर विवेक खंड निवासी अर्चना गर्ग का है। उनके पार्थिव शरीर पर अर्चना गर्ग का टैग भी लगा था। दूसरी तरफ अर्चना गर्ग के परिवार वालों ने जिस पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया था, वह इशरत मिर्जा का था। दोपहर में पुलिस के साथ सहारा अस्पताल की टीम 3/214 विवेक खंड में दिवंगत अर्चना गर्ग के आवास पहुंची तो वहां शांति हवन चल रहा था।

गोमतीनगर सहारा अस्पताल से उनकी मां इशरत मिर्जा का पार्थिव शरीर किसी अन्य को दे दिया गया। उस परिवार ने भी उन्हें अपने परिवार की महिला का पार्थिव देह समझकर हिंदू रीति से अंतिम संस्कार कर दिया था। 11 फरवरी को दिवंगत हुईं अलीगंज सेक्टर जे निवासी इशरत मिर्जा का अंतिम संस्कार करने अमेरिका और कनाडा से गुरुवार को लखनऊ पहुंचे बेटों ने पार्थिव शरीर को अपनी अम्मी का होने से इन्कार कर दिया।

अजीबोगरीब स्थिति होने पर शांति हवन बंद कराके परिवार के लोग भी सहारा अस्पताल पहुंचे तो देखा कि फ्रीजर में अर्चना गर्ग का शव रखा है। दोनों पक्षों ने अस्पताल के प्रति नाराजगी जताई। पुलिस भी पहुंच गई। सुबह 11 बजे से शाम सात बजे दोनों परिवार व पुलिस के बीच पंचायत होती रही कि इशरत मिर्जा का अब अंतिम संस्कार कैसे किया जाए। पुलिस बैकुंठधाम भैसाकुंड पहुंची। वहां राख को सुरक्षित रखा दिया। मौलानाओं से राय ली जा रही थी कि राख को शरियत के हिसाब से कैसे सुपुर्द-ए-खाक किया जाए।


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