फर्जी हस्ताक्षर कर आइजी मेरठ और आगरा को दिए आदेश, ऐसे खुला मामला
फर्जी हस्ताक्षर कर आइजी मेरठ और आइजी आगरा को विवेचना स्थानांतरित कराने के दिए थे निर्देश। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज।
लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश के गृह विभाग में तैनात तीन अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर विवेचना स्थानांतरण करने के निर्देश देने का मामला सामने आया है। जालसाजों ने आइजी मेरठ और आइजी आगरा को कुछ मामलों की विवेचना गैर जनपद से कराने का फर्जी आदेश जारी कर दिया। संबंधित अधिकारियों ने जब गृह विभाग से इस संबंध में बात की तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। इसके बाद गृह विभाग ने एसएसपी लखनऊ को एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए। हजरतगंज पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन की रही है।
गृह विभाग में संयुक्त सचिव डीके उपाध्याय, अनुसचिन ओपी पांडेय और महेंद्र सिंह के हस्ताक्षर से आइजी मेरठ और आगरा को पत्र भेजे गए थे। पत्र में आदेशित किया गया था कि गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने में दर्ज एफआइआर की विवेचना नोएडा क्राइम ब्रांच स्थानांतरित की जाए। यही नहीं, मेरठ में नौचंदी थाने में हुई अपराधिक मामले की विवेचना बुलंदशहर पुलिस से करवाने के निर्देश दिए गए थे।
वहीं, अलीगढ़ स्थित क्वार्सी थाने में हुई एफआइआर की कासगंज पुलिस से पुनर्विवेचना कराने के निर्देश दिए थे। जाली कागजातों पर ठगों की ओर से गृह विभाग के तीनों अधिकारियों के नाम व हस्ताक्षर किए गए थे। फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने के बाद गृह विभाग सकते में आ गया। आनन फानन मामले में एफआइआर दर्ज कराकर जालसाजों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए। गृह विभाग के अनुसचिव महेंद्र सिंह की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है।