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विवेक हत्याकांडः सिपाहियों को बचाने के लिए अज्ञात में मुकदमा, बाद में नाम बढ़ाए

एक निजी कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या करने वाले सिपाहियों को बचाने का गोमतीनगर पुलिस ने भरसक प्रयास किया था।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 10:09 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 10:26 AM (IST)
विवेक हत्याकांडः सिपाहियों को बचाने के लिए अज्ञात में मुकदमा, बाद में नाम बढ़ाए
विवेक हत्याकांडः सिपाहियों को बचाने के लिए अज्ञात में मुकदमा, बाद में नाम बढ़ाए

लखनऊ (जेएनएन)। एक निजी कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या करने वाले सिपाहियों को बचाने का गोमतीनगर पुलिस ने भरसक प्रयास किया था। अगर विवेक तिवारी के साथ उनके कंपनी की पूर्व सहकर्मी सना न होती तो पुलिस घटनाक्रम पर पर्दा डालने का भरसक प्रयास करती। पुलिस ने सना से पूछताछ के आधार पर ही तहरीर लिखी और घटना के संबंध में जरूरी कागजात बताकर धोखे से तहरीर पर दस्तखत करा लिए गए। इसके बाद सिपाहियों को बचाने के लिए अज्ञात के खिलाफ हत्या की एफआइआर दर्ज कर ली। सवाल यह उठता है जब सना ने पुलिस को बताया था कि वर्दी में मौजूद सिपाहियों ने गोली मारी तो एफआइआर अज्ञात में क्यों दर्ज हुई? 

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बाद में दोनों सिपाहियों के नाम बढ़ाए गए 

मामले के विवेचक इंस्पेक्टर महानगर विकास कुमार पांडेय के मुताबिक गोमतीनगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज हत्या के मुकदमे में दोनों आरोपित सिपाही प्रशांत और संदीप का नाम बढ़ा दिया गया है। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया है।

पुलिस और सरकार विरोधी नारे

घटना को लेकर पुलिस के खिलाफ लोगों में जबरदस्त आक्रोश नजर आया। दोपहर में शव आने के बाद अपार्टमेंट में हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई। पुलिस, प्रशासन और सरकार विरोधी नारे लगे। देर शाम परिवारीजन और रिश्तेदार अपार्टमेंट के गेट पर डट गए। इसमें लखनऊ विवि के छात्र और अन्य लोग भी शामिल रहे। मुंह पर काली पट्टी और हाथों में बैनर लिए लोगों ने न्याय की मांग की। इसी दौरान शाम को मंत्री आशुतोष टंडन से धक्कामुक्की के बाद पुलिस ने छात्र नेताओं पर लाठियां चलाकर उन्हें खदेड़ा।

टाइमलाइन

  • रात डेढ़ बजे: सिपाही प्रशांत ने विवेक तिवारी को गोली मारी, साथी सिपाही संदीप भी मौजूद था।
  • रात दो बजे : विवेक को घटनास्थल से लोहिया ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित किया।
  • सुबह चार बजे : विवेक की पत्नी लोहिया अस्पताल पहुंची।
  • सुबह 11 बजे : परिवारीजन पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर गंगा अपार्टमेंट स्थित घर पहुंचे। 
  • दोपहर 1:45 बजे : आइजी और एसएसपी विवेक के घर पहुंचे। 
  • दोपहर 2:15 बजे : चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन और डीएम कौशल राज शर्मा पहुंचे।
  • 7:45 बजे : डीएम ने 25 लाख रुपये मुआवजा और विवेक की पत्नी को नौकरी की घोषणा का पत्र दिया। 

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