Lucknow: दारोगा व सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश, पीड़ित को ही बेरहमी से पीटने का मामला
लखनऊ में आरोपितों को छोड़ने व उल्टे पीड़ित को ही पीटने कर उसका चालान करने के एक मामले में कोर्ट ने दारोगा व सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उसे इतना पीटा गया कि उसके घुटने में फ्रैक्चर हो गया।
लखनऊ, विधि संवाददाता। पर्स छीनने वालों को छोड़ देने व उल्टे पीड़ित को ही मारपीट कर उसका चालान करने के एक मामले में अदालत ने दारोगा तेज कुमार शुक्ला व एक सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने यह आदेश सनी कुमार सिंह की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है। उन्होंने थानाध्यक्ष हुसैनगंज को विवेचना के परिणाम से अदालत को भी अवगत कराने का आदेश दिया है।
16 मार्च, 2022 को सनी कुमार सिंह गौतमुबद्ध मार्ग पर माडल शाप के बाहर लगे ठेले पर सामान खरीद रहा था। जब पैसा देने के लिए पर्स निकाला तभी तीन अज्ञात लोगों ने पर्स पर झप्पटा मारा। सनी की उन लोगों से कहा-सुनी होने लगी। इस दौरान छितवापुर चौकी का एक सिपाही आया और बगैर कुछ जाने उसे ही मारने लगा। फिर चौकी पर ले गया।
पिटाई से घुटने में हो गया था फ्रैक्चर
चौकी प्रभारी तेज कुमार शुक्ला ने भी उसकी बात सुने बगैर पर्स छीनने वालों को छोड़ दिया और उल्टे उसे ही गाली देते हुए मारने लगा। उसका मोबाइल व पर्स भी छीन लिया। फिर उसे थाना हुसैनगंज ले गए। वहां उसे लाठियों से बुरी तरीके से मारा-पीटा। लाकअप में डाल दिया। दूसरे दिन चालान कर दिया। उसकी मां ने जमानत कराई। सनी का आरोप है कि उसे इतना बेरहमी से मारा गया कि उसके घुटने में फ्रैक्चर हो गया और प्लास्टर लगाया गया। उसकी मां ने इस घटना की शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों से भी की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।
गैगेस्टर में अभियुक्तों को आठ साल की सजा
गैंगस्टर के एक मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त राजकुमार व राम सनेही को अदालत ने आठ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। गैंगस्टर कोर्ट के विशेष जज विजेश कुमार ने अभियुक्तों पर पांच-पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया है। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश कुमार सिंह व अभियोजन अधिकारी सौम्या प्रियदर्शिनी के मुताबिक अभियुक्तों ने फिरौती के लिए सात वर्षीय गौरव द्विवेदी का अपहरण किया था।
हत्या कर शव नहर में फेंका
गौरव द्विवेदी की गला दबाकर हत्या भी कर दी थी तथा लाश को नहर में फेंक दिया था। इन्होंने संगठित तरीके से अपने दुनियावी लाभ के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था। इनके आपराधिक कृत्यों की सूचना डर की वजह से थाने पर नहीं दी जाती थी। इनके खिलाफ थानाध्यक्ष गुडंबा अभिमन्यु धर द्विवेदी ने गैंगस्टर एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 10 दिसंबर, 2010 को उप्र गिरोहबंद अधिनियम की धारा 3 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था।