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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश- कोरोना कर्फ्यू के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहेगा

Fight Against COVID-19 in UP सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं जैसे राज्य विश्वविद्यालय निजी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेज को 15 मई तक बंद करने का निर्देश दिया है। इस दौरान सभी ऑनलाइन क्लासेस भी स्थगित रहेंगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 05:59 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 07:39 AM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश- कोरोना कर्फ्यू के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहेगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ : टीम-9 के साथ समीक्षा बैठक

लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के उत्तर प्रदेश में बेहद सक्रिय होने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके प्रभाव को कम करने के साथ ही संक्रमित लोगों को लाभ देने के क्रम में मंगलवार को भी टीम-9 के साथ समीक्षा की। बैठक के बाद में उन्होंने जिलों में डीएम के साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भी गतिशील होने का निर्देश दिया।

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कोरोना कर्फ्यू के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहेगा: उन्होंने कहा कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू के कारण कहीं भी किसी श्रमिक, ठेला, रेहड़ी व्यवसायी, दैनिक मजदूर आदि को भोजन की समस्या न हो। सीएम ने हर जिले में सामुदायिक भोजनालय खोलने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में सामुदायिक भोजनालयों के संचालन की आवश्यकता है। कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से इस संबंध में आवश्यक प्रयास किए जाएं। इसके साथ औद्योगिक इकाइयों में भोजन का आदि का आवश्यकतानुसार प्रबन्ध रहे। प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में परेशान न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए।

सभी उच्च शिक्षण संस्थान 15 तक बंद, ऑनलाइन क्लास भी नहीं होंगी: सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं जैसे राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेज को 15 मई तक बंद करने का निर्देश दिया है। इस दौरान सभी ऑनलाइन क्लासेस भी स्थगित रहेंगी। इससे पहले सरकार ने तीन मई को ही प्रदेश में छह मई की सुबह सात बजे तक लॉकडाउन घोषित किया है। इस दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए पिछले वर्ष की तरह एक बार भी ई-पास जारी करने का निर्णय किया है।

इंट्रीग्रेडेटेड कोविड कमांड सेंटर की भी रोज हो निरीक्षण: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जिले में इंट्रीग्रेडेटेड कोविड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) कोविड प्रबंधन की रीढ़ है। लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलों में आइसीसीसी के कर्मी हर संक्रमित और उनके परिवार के लोगों को समुचित जानकारी दें। इस दौरान व्यवहार संवेदनशील रखें। सभी डीएम व सीडीओ हर दिन यहां भ्रमण कर कमांड सेंटर का निरीक्षण जरूर करें। इनकी दैनिक बैठक यहीं होनी चाहिए। जिलों में कोविड व नॉन कोविड मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन सुविधा को और बेहतर करने की जरूरत है।

किसी भी अस्पताल की शिकायत न मिले: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में कुछ अस्पतालों में अव्यवस्था की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जनपद के सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि कोविड अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक नियमित अंतराल पर भ्रमण करते रहें। सभी निजी एवं सरकारी कोविड अस्पताल में एक व्यक्ति की जिम्मेदारी तय की जाए कि वह हर दिन में कम से कम एक बार मरीज के स्वास्थ्य की अद्यतन जानकारी उसके परिवारीजन को अवश्य दे। यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू कराई जाए। आपदा की इस स्थिति में मरीजों और उनके परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ व्यवहार होना चाहिए। कोविड सम्बन्धी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश के जिलों में सेक्टर मैजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की गई है। सेक्टर मैजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमण करें। हॉस्पिटल के बाहर भी यह लोग भ्रमण करते रहें, लोगों की मदद करते रहें। छोटी-बड़ी गतिविधियों पर सीधी नजर रखें। हर जरूरतमंद को सरकारी नीतियों के अनुरूप सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराएं। इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। कोविड मरीजों के लिए शासन द्वारा तय डिस्चार्ज पॉलिसी को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

होम आइसोलेशन में रहने वालों से भी हो नियमित संवाद: उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से ग्रस्त ज्यादातर लोग समुचित चिकित्सकीय परामर्श से होम आइसोलेशन में रहते हुए ही स्वस्थ हुए हैं। ऐसे में बहुत कम संख्या ऐसी है जिन्हेंं अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। डीएम/सीएमओ होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को मेडिकल किट समय से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। लापरवाही की स्थिति में शासन स्तर से इनकी बड़ी जवाबदेही तय की जाएगी। इसके साथ आइसीसीसी और सीएम हेल्पलाइन हर दिन ऐसे संक्रमितों से संवाद स्थापित करे। होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर करने की भी जरूरत है।

मुस्तैद हो एंबुलेंस सर्विस: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए सभी जिलों में एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। 108 सेवा की 50 फीसदी एम्बुलेंस कोविड के लिए आरक्षित है। इसी प्रकार शव वाहन भी लगाए गए हैं। अंत्येष्टि की क्रिया पूरे सम्मान के साथ नि:शुल्क कराई जाए। जनहित से जुड़ी इस व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग करने की आवश्यकता है। विशेष सचिव स्तर के एक अधिकारी को इस कार्य के लिए नियुक्त किया जाए।

जल्दी एक्टिव होगा स्वास्थ्व विशेषज्ञों का सलाहकार पैनल: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार किया जा रहा है। यह पैनल राज्य स्तरीय टीम-9 को समय-समय पर परामर्श देगा। इइके साथ ही सभी कोविड हॉस्पिटल प्रभारियों/मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों से सतत संपर्क में रहेगा। उनका मार्गदर्शन करती रहेगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का परामर्श रणनीति तैयार करने में उपयोगी होगा। कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा रही है। मेडिकल एजुकेशन, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी अस्पतालों को भी कोविड मरीजों के उपचार के लिए क्रियाशील किया गया है। जरूरत बेड की संख्या बढ़ाने की है। हमें सभी जिलों में बेड्स की वर्तमान क्षमता को दोगुना करना होगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री स्तर से कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।

चेन तोडऩा बेहद जरूरी: मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। अभी तो छह मई प्रात: सात बजे तक आंशिक कोरोना कफ्र्यू प्रभावी है। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं सतत जारी रखी जाएं।। दवा, सब्जी, किराना की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि सतत संचालित रहें। कहीं भी अनावश्यक भीड़ न लगे।

जिलों में नामित हों ऑक्सीजन रीफिलर: उन्होंने कहा कि सभी जिलों में एक ऑक्सीजन रीफिलर को होम आइसोलेशन के मरीजों को आपूर्ति करने के लिए नामित किया जाए। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध कराया जाए। यह व्यवस्था सभी जिलों में प्रभावी ढंग से लागू की जाए। यदि किसी मरीज का परिजन सिलिंडर रीफिलिंग के लिए प्रयासरत हो तो उसकी मदद की जाए। पुलिस की किसी प्रकार के उत्पीडऩ की शिकायत न आये। अपर मुख्य सचिव, गृह इस संबंध में आवश्यकतानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करने के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। कल 788 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रदेश में वितरित की गई है। अभी तो ऑक्सीजन ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अनावश्यक खपत में कमी आई है। हर जिले की मांग, आपूर्ति और खपत का दैनिक विवरण मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। अयोध्या में बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को पुन: संचालित कराया जा रहा है। 34 जिलों में 50-50 बेड वाले सीएचसी में गन्ना विकास विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा चीनी मिलों और डिस्टिलरीज के माध्यम से ऑक्सीजन जेनेरेशन की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। एमएसएमई इकाइयों से भी सीधे अस्पतालों को जोड़कर आपूर्ति कराई जा रही है। भारत सरकार को 61 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के प्रस्ताव भेज दिए गए हैं। 14 जिलों में पीएम केयर्स से प्लांट स्थापना का कार्य जारी है। नए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए। इसकी हर दिन समीक्षा की जाए।

गांवों में कल से अभियान: कोविड संक्रमण से गांवों को सुरक्षित रखने के लिए पांच मई से विशेष कोविड टेस्टिंग अभियान शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग इस वृहद अभियान के सम्बंध में टेस्ट किट, आरआरटी की संख्या आदि में बढ़ोतरी सहित सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ले।


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