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वैन की टक्कर से दो भाइयों की मौत

जागरण टीम, लखनऊ : पीजीआइ क्षेत्र स्थित वृंदावन कॉलोनी में रविवार रात स्कूली वैन (विंगर) की टक्क

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Apr 2018 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 30 Apr 2018 07:08 PM (IST)
वैन की टक्कर से दो भाइयों की मौत
वैन की टक्कर से दो भाइयों की मौत

जागरण टीम, लखनऊ : पीजीआइ क्षेत्र स्थित वृंदावन कॉलोनी में रविवार रात स्कूली वैन (विंगर) की टक्कर से बुलेट सवार शैलेंद्र यादव (35) और उसके छोटे भाई आशुतोष (25) यादव की मौत हो गई।

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चिरैयाबाग निवासी शैलेंद्र यादव उर्फ बबलू, छोटे भाई आशुतोष के साथ रविवार रात वृंदावन कॉलोनी सेक्टर 10 स्थित सामुदायिक केंद्र से शादी समारोह से लौट रहे थे। इस बीच सामने से आ रही स्कूली वैन ने बुलेट में टक्कर मार दी। जिससे दोनों बाइक समेत उछलकर सिर के बल गिर पड़े। चीख-पुकार सुनकर राहगीर दौड़े तो आरोपित चालक वैन छोड़कर भाग निकला। सिर में गंभीर चोट आने से बुलेट चला रहे शैलेंद्र की मौके पर मौत हो चुकी थी। जबकि ट्रामा ले जाते समय आशुतोष की सांसें थम गई। उधर, हादसे से आक्रोशित लोगों ने हंगामा कर वैन में तोड़फोड़ की। बवाल की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को समझा-बुझाकर शांत कराया। शैलेंद्र के भाई संतोष ने बताया कि दोनों भाई डेयरी का काम करते थे। वहीं, इंस्पेक्टर पीजीआइ रवींद्र नाथ राय ने बताया कि अज्ञात वैन चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गाड़ी नंबर के आधार पर उसकी तलाश की जा रही है। वैन रायबरेली स्थित स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल की थी।

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एक साथ दो अर्थी उठीं तो मच गया कोहराम

पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। शैलेंद्र की पत्नी शशि और मां मधु गश खाकर गिर पड़ी। वहीं, पिता मिश्री लाल यादव का भी रो-रोकर बुरा हाल था। संतोष ने बताया कि पिता सेना से सेवानिवृत्त हैं। परिवार में भाई आदित्य और दो बहन सोनल और बॉबी हैं। संतोष ने बताया कि सवा साल पहले नवंबर 2016 में भाई का विवाह हुआ था। दोपहर बाद दोनों की अंतिम यात्रा निकली तो मौके पर मौजूद हर एक व्यक्ति की आंखें नम हो गई। तेलीबाग स्थित बैकुंठ धाम में दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

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बिना हेलमेट चला रहे थे बुलेट

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों बाइक सवार हेलमेट नहीं लगाए थे। वैन की टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों हवा में करीब 10 फीट ऊपर उछलकर सड़क पर गिरे थे। जिसके कारण उनके सिर में चोटें आई। यही उनकी मौत वजह बनी।

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दारोगा भर्ती की पास कर चुका था परीक्षा

मधु ने बताया कि वह तो बेटे आशुतोष को दारोगा की वर्दी में देखने का सपना संजोए थीं। पर बेटा उनकी मुराद पूरी किए बिना ही चला गया। बताया कि 2017 में आशुतोष दारोगा भर्ती की लिखित परीक्षा पास करके आगे की तैयारी कर रहा था।


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