लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर सरकारी नौकरी की भर्ती परीक्षाओं में सेंधमारी का प्रयास करने वाले नकल माफिया पर एसटीएफ का शिकंजा तो कसा है लेकिन साल्वर गिरोह का खौफ भी कम नहीं है। परीक्षाओं का संचालन कराने वाली बड़ी कंपनियां विशेषकर साल्वर गिरोह की सक्रियता के चलते अपने पांव पीछे खींच रही हैं। यही वजह है कि आनलाइन व आफलाइन दोनों परीक्षाओं के संचालन की चुनौती बढ़ गई है।

यूपी पुलिस ने वर्ष 2021 में अब तक की सबसे बड़ी दारोगा भर्ती कराई थी। 9534 पदों के लिए हुई आनलाइन लिखित परीक्षा में साल्वर गिरोह भी सक्रिय रहा था। परीक्षा में गड़बड़ी का प्रयास करने वाले कई गिरोह दबोचे गए थे। वहीं इससे पूर्व यूपी टीईटी परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। वर्तमान में यूपी पुलिस में प्रस्तावित सिपाही के लगभग 36 हजार पदों के लिए आफलाइन लिखित परीक्षा प्रस्तावित है। हालांकि इसके लिए कार्यदायी संस्था का चयन नहीं हो पा रहा है। बीते दिनों एक कंपनी ने कदम बढ़ाए थे, पर बाद में पीछे हट गई।

भर्ती बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार कंपनी ने बीते दिनों राजस्थान में पुलिस भर्ती की परीक्षा का संचालन कराया था, जिसमें पेपर लीक हो गया था। इसके चलते प्रदेश में सिपाही के पद पर इतनी बड़ी भर्ती परीक्षा के लिए कंपनी अब कतरा रही है। वहीं कंप्यूटर आपरटेर के पदों के लिए आनलाइन परीक्षा भी जल्द होनी है। इसके लिए भी कंपनी के चयन की प्रक्रिया आरंभ की गई है। इसमें भी अधिक कार्यदायी संस्थाएं आगे नहीं आ रही हैं।

प्रदेश में बीते छह वर्षों में एसटीएफ ने 150 से अधिक साल्वर गिरोह पकड़े हैं। आफलाइन व आनलाइन दोनों परीक्षाओं में साल्वर गिरोह सक्रिय रहे हैं, जिन पर पूरी तरह शिकंजा नहीं कसा जा सका है। डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा का कहना है कि परीक्षा के लिए बड़ी कंपनियों को आमंत्रित किया जा रहा है। सिपाही भर्ती के लिए आनलाइन लिखित परीक्षा संभव नहीं है।

Edited By: Prabhapunj Mishra