'राम की जन्मभूमि' फिल्म की हीरोइन इस्लाम से खारिज, उलमा बोर्ड ने जारी किया फतवा
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी की फिल्म राम की जन्मभूमि की हीरोइन को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी हुआ है। यह फतवा ऑल इंडिया उलमा बोर्ड ने जारी किया है।
लखनऊ, जेएनएन। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी की फिल्म 'राम की जन्मभूमि' की हीरोइन नाजनीन पाटनी को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी हुआ है। यह फतवा ऑल इंडिया उलमा बोर्ड ने मंगलवार को जारी किया है।
उलमा बोर्ड ने फिल्म में इस्लाम और भारतीय संस्कृति की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया है। वहीं, वसीम रिजवी ने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि भोपाल के कुछ कट्टरपंथियों ने उनकी फिल्म की हीरोइन को इस्लाम से खारिज कर दिया है। यह तालिबानी कट्टरपंथी हैं जो हिन्दुस्तान में महिलाओं पर ज्यादती करते हैं उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं देते हैं। एक अदाकारा ने फिल्म में अपना किरदार निभाया है। इन्हें इस्लाम से खारिज करने का कोई अधिकार नहीं है।
यह फिल्म अयोध्या में 1990 के गोलीकांड के बाद उपजे हालात पर यह फिल्म आधारित है। फिल्म में विलेन मौलाना जफर खान पाकिस्तान एजेंट है, जिसे मस्जिद के नाम पर मुसलमानों को भड़काते हुए दिखाया गया है। वह हिन्दू और मुसलमानों में फसाद पैदा करने की कोशिश करता है। अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले उप्र शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की फिल्म 'राम की जन्मभूमि' चुनाव में माहौल को गर्म कर सकती है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को अनुमति प्रदान कर दी है। आगामी 29 मार्च को इसे रिलीज करने की तैयारी है।