Farmer Protest: लखीमपुर में किसानों के महाधरना से भाजपा बेफिक्र, ...आखिर कहां से मिला यह विश्वास?
UP Politics भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह का कहना है कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है। तिकुनिया कांड में सरकार ने आरोपितों का बचाव नहीं किया बल्कि कानून ने सख्त कार्रवाई की है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का आरोपित बेटा आशीष अभी भी जेल में है।
UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। पंजाब से चले आ रहे किसानों के जत्थे के जत्थे भले ही उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले (Lakhimpur) में मुट्ठियां भींच रहे हों, लेकिन भाजपा (BJP) नेताओं के चेहरे पर शिकन तक नहीं है। हजारों किसान यहां धरने (Farmer Protest) पर बैठ गए हैं। उनकी मांग केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) की बर्खास्तगी और किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस करने की है।
भाजपा की इस बेफिक्री के पीछे मजबूत तर्क भी है। वह यह कि लखीमपुर के तिकुनिया में किसानों को रौंदे जाने की घटना विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई, जिसमें आरोपितों पर नियमानुसार कार्रवाई की गई। इसके बावजूद दूसरे स्थानों, खास तौर पर पंजाब से आए 'आयातित किसानों' ने आंदोलन से भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने का भरसक प्रयास किया। इसके बावजूद चुनाव में भाजपा जिले की सभी आठ सीटें जीत गई।
लखीमपुर के तिकुनिया में विधानसभा चुनाव से पहले हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें चार किसान थे, जिन्हें गाड़ी से रौंदने का आरोप केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष पर लगा। आशीष को गिरफ्तार कर तभी जेल भेज दिया गया था, लेकिन हिंसा के बाद यहां राजनीति को गरमाने का प्रयास विपक्षी दलों ने खूब किया।
कांग्रेस, सपा, रालोद आदि दलों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से टेनी को बर्खास्त किए जाने का मुद्दा उठाया। कई दिन तक वहां पंजाब, हरियाणा व दिल्ली के आसपास के किसानों ने प्रदर्शन किया। चुनाव में आंदोलन का कोई प्रभाव नजर नहीं आया, लेकिन अब अचानक से पंजाब में हुई किसानों की बैठक के बाद वहां के किसान जत्थों ने लखीमपुर कूच कर दिया है।
हजारों किसान यहां धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग टेनी की बर्खास्तगी और किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस करने की है। भाजपा इस घटनाक्रम को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रही है।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह का कहना है कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है। तिकुनिया कांड में सरकार ने आरोपितों का बचाव नहीं किया, बल्कि कानून ने सख्त कार्रवाई की है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का आरोपित बेटा आशीष अभी भी जेल में है।
यही वजह है कि स्थानीय किसान भाजपा के साथ हैं। इसका प्रमाण है कि विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने किसानों को बहकाने का काफी प्रयास किया, लेकिन किसानों ने भाजपा को ही वोट दिया, जिससे पार्टी जिले की सभी आठ सीटें जीतने में सफल रही।
कामेश्वर सिंह का कहना है कि जो जनता के बीच मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ सकते, वह किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाना चाहते हैं। वहीं, भाजपा किसान मोर्चा लगातार क्षेत्र के किसानों के संपर्क में है। हमारी पूरी नजर है कि षड्यंत्रकारी उन्हें भ्रमित न कर सकें।