Move to Jagran APP

तीन तलाक बिल महिलाओं के बुनियादी अधिकारों पर हमला : फरंगी महली

दारुल उलूम फरंगी महल में मुस्लिम पर्सनल लॉ और महिलाओं के अधिकार पर कांफ्रेंस। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद सहित बोर्ड की कई महिला सदस्य शामिल रहीं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 09:00 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 09:00 PM (IST)
तीन तलाक बिल महिलाओं के बुनियादी अधिकारों पर हमला : फरंगी महली
तीन तलाक बिल महिलाओं के बुनियादी अधिकारों पर हमला : फरंगी महली

लखनऊ(जेएनएन)। केंद्र सरकार का तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के बुनियादी अधिकार पर हमला है। इस्लामी शरीअत के लिए मुसलमान बारगाह-ए-इलाही में दुआ करें और शरई एहकाम व हिदायतों पर अमल करें। ये बातें ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहीं। वह शुक्रवार को ऐशबाग स्थित दारुल उलूम फरंगी महल में आयोजित 'मुस्लिम पर्सनल लॉ और महिलाओं के अधिकार' विषय पर आयोजित कांफ्रेंस में बोल रहे थे।

loksabha election banner

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला इकाई व तहरीक तहफ्फुज-ए-शरीअत के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कांफ्रेस की अध्यक्षता तहरीक के अध्यक्ष मौलाना फरंगी महली ने की। उन्होंने मुसलमानों से तहरीक तहफ्फुज-ए-शरीअत से जुडऩे के साथ अपने घरेलू मामलों को दारुल कजा (शरई अदालत) में हल कराने की अपील की। बोर्ड की सदस्य निगहत परवीन खान ने कहा कि हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक मुल्क है। यहां के हर नागरिक को अपने मजहब पर अमल करने का पूरी आजादी है, लेकिन तीन तलाक बिल लाकर केंद्र सरकार ने शरीअत में दखलअंदाजी कर यह साबित कर दिया कि उसकी नजर में लोकतंत्र की कोई अहमियत नहीं है। कांफ्रेंस में जामिअतुल मोमिनात की वाइस प्रिंसिपल आमिना रिजवान, डॉ. सबा तबस्सुम, निगहत खान, अतिया अजीज, सादिया खानम व रेहाना नूरुलहसन सिद्दीकी सहित अन्य लोगों ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से तीन तलाक बिल को निरस्त करने की मांग की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.