डॉ. मनीषा के परिवारीजनों ने लगाया आरोप, केजीएमयू जांच के नाम पर कर रहा हीलाहवाली
आज से जांच शुरू करने का दावा डॉ. मनीषा की आत्महत्या के मामले में आरोपी डॉक्टर को नोटिस तक नहीं दे पाया विवि प्रशासन, परिवारीजन बोले, आरोपित को बचाने की हो रही कोशिश।
लखनऊ (जेएनएन)। केजीएमयू में जूनियर रेजीडेंट थ्री डॉ. मनीषा शर्मा द्वारा किए गए आत्महत्या के मामले में जांच के नाम पर हीलाहवाली हो रही है। परिवारीजनों द्वारा मामले में आरोपी बनाए गए सीनियर रेजीडेंट डॉ. उधम सिंह को अब तक केजीएमयू प्रशासन एक नोटिस तक नहीं दे पाया है। बीते बुधवार को जब केजीएमयू के बुद्धा हॉस्टल में डॉ. मनीषा का कमरा फॉरेंसिक टीम व पुलिस टीम ने खोला तो वह उस दिन छुट्टी लेकर चंदौली अपने घर चला गया। इसके बाद उसने बीते शनिवार को फिर से ट्रामा सर्जरी विभाग में ज्वाइन कर लिया। वह वहां आराम से काम कर रहा है।
आत्महत्या करने वाली जूनियर रेजीडेंट थ्री डॉ. मनीषा शर्मा की बड़ी बहन दीपा शर्मा का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर डॉ. उधम को बचाने की कोशिश कर रही है। सोमवार को डॉ. मनीषा की मौत के बाद एक हफ्ते बीत गया लेकिन, मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। केजीएमयू प्रशासन ने जैसे-तैसे डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. जीपी सिंह की अध्यक्षता में जांच कमेटी तो बना दी लेकिन, अब तक जांच नहीं शुरू हो पाई है। दीपा ने बताया कि आरोपी डॉ. उधम सिंह ने छुट्टी के बाद फिर से ट्रामा सर्जरी विभाग में ज्वाइनिंग दे दी है और वह काम कर रहा है। जांच कमेटी या केजीएमयू प्रशासन की ओर से इतनी भी जहमत नहीं उठाई गई कि कम से कम जांच होने तक ही उसे निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। उधर, केजीएमयू के मीडिया इंचार्ज प्रो. संतोष कुमार का कहना है कि मंगलवार से जांच शुरू हो जाएगी। जांच कमेटी खुद ही मामले में पूछताछ के लिए जरूरी लोगों को नोटिस जारी करेगी। जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी।