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राजकीय पॉलीटेक्निक का फर्जीवाड़ा उजागर, पढ़ाई के नाम पर हो रहा ‘खेल’

दो पालियों में है पढ़ाई की व्यवस्था शिक्षकों की हाजिरी से पकड़ा खेल। खेल के लिए शासनादेश का मखौल उड़ाने से भी बाज नहीं आए जिम्मेदार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 09:38 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 09:38 AM (IST)
राजकीय पॉलीटेक्निक का फर्जीवाड़ा उजागर, पढ़ाई के नाम पर हो रहा ‘खेल’
राजकीय पॉलीटेक्निक का फर्जीवाड़ा उजागर, पढ़ाई के नाम पर हो रहा ‘खेल’

लखनऊ, [पुलक त्रिपाठी]। राजकीय पॉलिटेक्निक मे पढ़ाई को लेकर अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ में दो पालियों के संचालन व्यवस्था को लेकर शासनादेश का उल्लंघन करने से भी गुरेज नहीं किया गया। संस्था स्तर पर मनमाफिक समयानुसार पाली संचालित की गई और लाखों रुपये का भुगतान भी हासिल कर लिया गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब बायोमीटिक उपस्थिति प्राविधिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों के सामने से गुजरी। मामले की जांच शुरू हो गई है। इससे माना जा रहा है पहली व दूसरी पाली के अधिकांश छात्र पढ़ाई से वंचित रह गए।

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दरअसल, प्राविधिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित राजकीय व एडेड पॉलीटेक्निक में 18 अक्टूबर 2010 के शासनादेश के तहत सुबह सात बजे से दोपहर 1.30 बजे और दोपहर दो बजे से शाम 8.30 बजे तक कक्षाएं चलाने की व्यवस्था है। मगर राजकीय पॉलीटेक्निक लखनऊ ने शासनादेश का उल्लंघन करते हुए अपने अनुसार पाली संचालन कर भुगतान हासिल कर लिया। पढ़ाई में खेल का खुलासा तब हुआ जब राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ की बायोमीटिक अटेंडेंस रिपोर्ट परिषद के अधिकारियों के सामने से गुजरी।

अटेंडेंस के अनुसार अधिकतर शिक्षक सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच में आए और शाम 6 बजे से पहले चले गए। बायोमीटिक अटेंडेंस में यह भी स्पष्ट है कि निर्धारित समय के अनुसार कक्षाएं संचालित नहीं हुईं, जबकि संस्थान द्वारा बायोमीटिक रिपोर्ट में पहली अथवा दूसरी पाली का जिक्र तक नहीं किया गया। संस्थान के प्रिंसिपल जान बेग लोनी का कहना है कि कक्षाओं का संचालन किया गया है और इसके पर्याप्त साक्ष्य भी हैं।

विभाग ने मामले की जांच संयुक्त निदेशक (जेडी) सुरेंद्र प्रसाद को सौंपी है। शनिवार को जेडी ने संस्थान पहुंचकर मामले की जांच की, फिर बांसमंडी स्थित संयुक्त निदेशक कार्यालय में बायोमीटिक अटेंडेस और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की। जेडी स्तर के अधिकारी इस बात को लेकर उलङो हैं कि एक समय में दो पालियां कैसे संचालित हो सकती हैं। निदेशक स्तर पर यह बात भी सामने आ रही है कि अन्य पॉलीटेक्निक संस्थानों में भी इसकी जांच हो सकती है।

क्या कहते हैं अफसर ?

  • वाराणसी (पूर्वी जोन) संयुक्त निदेशक सुरेंद्र प्रसाद (जांच अधिकारी) का कहते हैं कि गड़बड़ी तो हुई है, इसमें संदेह नहीं है, मगर जांच के बाद ही कुछ कह सकूंगा।
  • प्राविधिक शिक्षा निदेशक आरसी राजपूत का कहना है कि मामला गंभीर है। जेडी स्तर पर इसकी जांच कराई जा रही है। सरकारी राशि के दुरुपयोग में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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