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Fake Teachers Case : फर्जी शिक्षकों पर यूपी सरकार सख्त, सभी बीएसए से गुरुवार तक मांगी रिपोर्ट

Fake Teachers Case कूटरचित प्रमाणपत्रों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में सभी बीएसए से सूचना तलब की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 11:09 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 11:10 AM (IST)
Fake Teachers Case : फर्जी शिक्षकों पर यूपी सरकार सख्त, सभी बीएसए से गुरुवार तक मांगी रिपोर्ट
Fake Teachers Case : फर्जी शिक्षकों पर यूपी सरकार सख्त, सभी बीएसए से गुरुवार तक मांगी रिपोर्ट

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आगरा के डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी और कूटरचित प्रमाणपत्रों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) से नौ जुलाई तक सूचना तलब की है। साथ ही फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर, उनकी सेवा समाप्ति के आदेश और वेतन वसूली के लिए जारी किए गए रिकवरी सर्टिफिकेट की प्रति भी उपलब्ध कराने को कहा है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने इस बारे में सभी बीएसए को आदेश जारी कर दिया है।

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पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने आगरा के डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने के मामले की जांच की थी। एसआइटी ने जांच में 4706 ऐसे लोग चिन्हित किए थे, जो फर्जी और कूटरचित प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक बनने में कामयाब हुए हैं। इनमें से 2,823 को इस आधार पर फर्जी माना गया है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं 814 अभ्यर्थियों ने विश्वविद्यालय को प्रत्यावेदन दिया है। हाईकोर्ट ने बीती 29 अप्रैल को विश्वविद्यालय को तीन महीनों में इन प्रत्यावेदन का निस्तारण करने का समय दिया है।

टैंपर्ड सर्टिफिकेट के 1,059 मामले ऐसे हैं, जिनमें कोर्ट ने विश्वविद्यालय को छह महीने में फैसला लेकर अवगत कराने को कहा है। फर्जी शिक्षकों में से 342 को बेसिक शिक्षा विभाग ने मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज कराई गई सूचनाओं के आधार पर भी चिन्हित किया है। विभाग ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि परिषदीय विद्यालयों के 3,342 शिक्षकों ने नियुक्ति के बाद से अब तक अपने पैन नंबर बदले हैं। शासन ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि वह अपने जिले के परिषदीय विद्यालयों में फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के आधार पर कार्यरत शिक्षकों और उनके खिलाफ की गई कार्यवाही के बारे में प्रारूप पर सूचना महानिदेशक स्कूल शिक्षा को नौ जुलाई तक उपलब्ध करा दें।

शासन ने परिषदीय विद्यालयों में फर्जी और अनियमित तरीके से की गई नियुक्तियों की जांच के लिए हर जिले में एडीएम की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। सभी बीएसए को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह जांच समिति से इस आशय का प्रमाणपत्र प्राप्त करें कि एसआइटी की ओर से उपलब्ध कराई गई 4706 अभ्यर्थियों की सूची और 2823 फर्जी अभ्यर्थियों की सूची में से जिले में कोई भी अभ्यर्थी अब चिन्हित करने या कार्यवाही करने के लिए बचा नहीं है। सभी बीएसए से कहा गया है कि वे जिलाधिकारी के माध्यम से महानिदेशक स्कूल शिक्षा और बेसिक शिक्षा निदेशक को नौ जुलाई तक अनिवार्य रूप से यह प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराएं।


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