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HIV पीड़ित बताकर करते रहे इलाज, 67 हजार जमा होते ही सामने आई चौकाने वाली बात

लखनऊ स्थित काकोरी क्षेत्र में निजी अस्पताल ने गर्भवती की बनाई झूठी जांच रिपोर्ट। केजीएमयू में कराई ताे खुला फर्जी जांच रिपोर्ट का राज।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 11:59 AM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 02:38 PM (IST)
HIV पीड़ित बताकर करते रहे इलाज, 67 हजार जमा होते ही सामने आई चौकाने वाली बात
HIV पीड़ित बताकर करते रहे इलाज, 67 हजार जमा होते ही सामने आई चौकाने वाली बात

लखनऊ, जेएनएन। क्षेत्र के एक निजी अस्पताल ने पैसे हड़पने के लिए गर्भवती महिला की फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार कराकर उसे एचआइवी पीड़ित बता दिया। पिछले पांच महीने से यह महिला और परिवारीजन एचआइवी जानकर सदमे में थे। जब महिला के पति ने इलाज में 67 हजार रुपये खर्च कर दिए और घर में इलाज के लिए पैसे नहीं बचे तो उसे लोगों ने दूसरे अस्पताल में जांच के लिए कहा। इसके बाद मलिहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एक अन्य निजी अस्पताल और केजीएमयू की जांच रिपोर्ट में महिला को एचआइवी निगेटिव बताया गया। अब परिवारीजन निजी अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कराने की तैयारी में हैं।

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पीड़ित ने गर्भवती पत्नी को अक्टूबर 2018 में प्रसव के लिए दुर्गागंज स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद 20 अक्टूबर 2018 को महिला की जांच कराई गई। जांच इसी अस्पताल में हुई और रिपोर्ट भी अस्पताल के नाम पर ही बनी। इसमें भी महिला को एचआइवी पॉजीटिव बताया गया। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। एक-एक पाई जोड़कर पति ने पत्नी का इलाज कराया। बीमारी जानकर पीड़िता की हालत भी विक्षिप्त जैसी हो गई थी। 

परिवारीजन का भी रो-रोकर बुरा हाल था। प्रसव के बाद लड़का हुआ और अस्पताल से छुट्टी दी गई तो पीड़िता को मायके में ही मां-बाप ने रोक लिया। इसके बाद रिश्तेदारों ने एक बार मलिहाबाद सीएचसी में भी जांच कराने के लिए कहा। यहां 11 जनवरी 2019 को पीड़िता की जांच कराई गई तो रिपोर्ट में एचआइवी निगेटिव निकला। इस पर वह दुर्गागंज स्थित आरोपित अस्पताल पहुंचा तो उसे झूठा बताकर अस्पताल संचालक लड़ने लगे। उसने अपनी रिपोर्टो का हवाला दिया। इसके बाद 27 जनवरी को बालागंज की एक निजी पैथोलॉजी में जांच कराई गई तो वहां भी एचआइवी निगेटिव निकला। इसके बाद केजीएमयू में भी जांच कराने का फैसला लिया। 

 

15 फरवरी को जांच हुई तो यहां भी एचआइवी निगेटिव निकला। परिवारीजन का आरोप है कि आरोपित अस्पताल में फर्जी तरह से जांच हुई और खुद ही यहां रिपोर्ट तैयार करा दी गई। इनका मकसद सिर्फ पैसा हड़पना था। वहीं, दूसरी ओर आरोपित अस्पताल के प्रबंधक का कहना है कि मामला बहुत पुराना है। महिला का गलत इलाज नहीं हुआ। सभी आरोप निराधार हैं।

मामले की जांच कर होगी कार्रवाई

सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि इस मामले की जांच होगी। पीड़ित से जांच रिपोर्ट लेकर छानबीन करेंगे। उनका जो भी पैसा खर्च हुआ है, उसे वापस दिलाने के साथ-साथ अस्पताल पर कार्रवाई भी की जाएगी।


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