मेड सर्विस के नाम पर ठगी, पैसा मिलते ही गायब हो जाती थी नौकरानी-भंडाफोड़
एसटीएफ, महानगर पुलिस की संयुक्त टीम ने दो लोगों को पकड़ा। मामले में न्यू हैदराबाद निवासी महिला ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। एसटीएफ और महानगर पुलिस की संयुक्त टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो मेड सर्विस के नाम पर छह महीने की सैलरी जमा कराकर नौकरानी उपलब्ध कराते थे और सैलरी मिलते ही नौकरानी अंडरग्राउंड हो जाती थी। इसके बाद जालसाज मोबाइल फोन भी बंद कर देते थे। इस संबंध में न्यू हैदराबाद निवासी सुभाषिनी सिंह ने एफआइआर कराई थी। जालसाजों ने उनसे पचास हजार की ठगी की थी। उनके वहा से नौकरानी दूसरे दिन ही चली गई थी।
एएसपी त्रिवेणी सिंह के मुताबिक पकड़े गए जालसाजों में बिहार निवासी जलाल शेख और हीरा साहनी हैं। दोनों आरोपित मौजूदा में दिल्ली में रह रहे थे। आरोपित जालसाज महिलाएं पश्चिम बंगाल, झारखंड व असम से खरीद कर लाते थे। उनके रहने के लिए कमरे के साथ खाना व अन्य खर्चे भी देते थे, जबकि महिलाओं को पश्चिम बंगाल, झारखंड व असम राज्यों से बाहर किसी अन्य राज्य में भेजना प्रतिबंधित है। पकड़े गए आरोपित कई शहरों में इंटरनेट की मदद से कंपनी रजिस्टर्ड करते थे और फिर लोगों को नौकरानी के नाम पर ठगते थे। एसटीएफ ने शुक्रवार को बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के पास से दोनों आरोपियों को पकड़ा। उनसे पूछताछ में पता चला कि आरोपित इंटरनेट की अलग अलग वेबसाइट पर फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी के नाम से विज्ञापन देते थे। इसी से लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।
ये सामान हुआ बरामद
अभियुक्तों के कब्जे से चार मोबाइल फोन, दो मेड एग्रीमेंट दस्तावेज, 15 वर्क विभिन्न मेड (घरेलू सहायिकाओं) की फ ोटो-, तीन आधार कार्ड समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। दो से तीन दिन में गायब हो जाती थी नौकरानी
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि पैसा जमा होने पर नौकरानी को लोगों के घरों में भेजते थे और वह दो से तीन दिन काम करने के बाद चली जाती थी। किराये का मकान लेकर कर रहे थे धंधा
एसटीएफ के एएसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि जालसाजों का यह गैंग किसी भी शहर में अपना ठिकाना बनाने के लिए अपनी पत्नी के नाम पर घर किराये पर लेते थे. किराये का एग्रीमेंट बनवा कर वह लोग उसी की मदद से सिमकार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खाता खुलवाते थे. फ्रॉड करने के बाद ये शहर छोड़ देते थे।
नौकरानियों के अलग-अलग रेट थे फिक्स
आरोपितों ने बताया कि लोगों से नौकरानी के नाम पर संपर्क करते थे। वह लोगों को तीन अलग-अलग तरह की मेड सर्विस देने की बात कहते थे। अनट्रेंड मेड के लिए 3500 रुपये, सेमी ट्रेंड के लिए 5000 रुपये और फुली ट्रेंड मेड के लिए सात हजार रुपये प्रति माह के अतिरिक्त कंपनी के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर पर 15 हजार रुपये वसूलते थे।