Move to Jagran APP

UP School FAKE Enrolment : स्कूलों में बच्चों के आधार सत्यापन में खुली फर्जी नामांकन की पोल, दो स्कूलों में 40 हजार बच्चों के नाम

UP School FAKE Enrolment यूपी के परिषदीय स्कूलों में बच्चों के आधार सत्यापन में छात्र-छात्राओं के फर्जी नामांकन की पोल खुल रही है। लखनऊ मंडल में स्कूलों की ओर से प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज 1.4 लाख बच्चों के नामांकन अब तक रद किये जा चुके हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:26 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 11:25 AM (IST)
UP School FAKE Enrolment : स्कूलों में बच्चों के आधार सत्यापन में खुली फर्जी नामांकन की पोल, दो स्कूलों में 40 हजार बच्चों के नाम
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के बच्चों के आधार सत्यापन में छात्र-छात्राओं के फर्जी नामांकन की पोल खुल रही है।

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आधार सत्यापन में इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के फर्जी नामांकन की पोल खुल रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ मंडल में किये जा रहे आधार सत्यापन के दौरान स्कूलों की ओर से प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज 1.4 लाख बच्चों के नामांकन अब तक रद किये जा चुके हैं। इनमें से 40 हजार बच्चे दो स्कूलों में नामांकित पाये गए।

loksabha election banner

यह तो एक बानगी है जो परिषदीय स्कूलों के बच्चों को हर सत्र में सरकार की ओर से मुफ्त में दिये जाने वाले यूनिफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूते-मोजे और मिड-डे मील की आड़ में होने वाले घोटाले की ओर इशारा करती है। हालांकि फर्जी नामांकन की असली तस्वीर तो तब उभर कर सामने आएगी जब यह प्रोजेक्ट प्रदेश के बाकी 17 मंडलों में लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि सरकार प्रत्येक बच्चे को यूनिफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग और जूते-मोजे मुहैया कराने पर औसतन 1100 रुपये खर्च करती है।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज लखनऊ मंडल के सभी परिषदीय विद्यालयों के 22.95 लाख बच्चों के आधार का सत्यापन श्रीटॉन इंडिया लिमिटेड के माध्यम से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से कराया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब तक 15.8 लाख बच्चों के आधार प्रमाणित हो चुके हैं जबकि 60 हजार बच्चों के आधार में त्रुटियां पायी गई हैं। वहीं 40 हजार बच्चे दो स्कूलों में नामांकित पाये गए।

प्रमाणीकरण की इस प्रक्रिया से पोल खुलने के डर से घबराये प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों ने इस बीच एक लाख बच्चों के नाम प्रेरणा पोर्टल से डिलीट कर दिए। इसके अलावा 40 हजार उन बच्चों के नाम हटाये गए जिनके नाम दो स्कूलों में दर्ज थे। इस पर महानिदेशक, स्कूल शिक्षा के कार्यालय को निर्देश जारी करना पड़ा है कि प्रेरणा पोर्टल पर छात्र-छात्राओं के नाम डिलीट करने का कारण स्पष्ट करते हुए सूचना का प्रमाणीकृत सर्टिफिकेट खंड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराया जाए। प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज शेष बच्चों के आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया जारी है।

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि आधार सत्यापन इसलिए कराया ही जा रहा है ताकि बच्चों की असल संख्या सामने आ जाए और भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सके। बच्चों का नाम पोर्टल से डिलीट करने की मुझे जानकारी नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.