जीजा-साले कॉल सेंटर की आड़ में चल रहे थे फर्जीवाड़ा, हॉलीडे पैकेज के नाम पर बनाते थे शिकार
इंदिरा नगर व गोमती नगर में चल रहा था फर्जीवाड़ा, साइबर क्राइम सेल ने किया राजफाश, चार गिरफ्तार। आरोपितों के पास से 243 प्रीएक्टिवेटेड सिमकार्ड बरामद किए गए। दो फरार आरोपितों के बारे में लगाया जा रहा है पता।
लखनऊ(जेएनएन)। राजधानी में ठगी को अंजाम देने वाले साला-बहनोई समेत चार लोगों को साइबर क्राइम सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपित कॉल सेंटर की आड़ में फर्जीवाड़ा कर लोगों को शिकार बनाते थे। हॉलीडे पैकेज के नाम पर आरोपित लोगों को फोन करते और डिस्काउंट देने की बात कहकर पेटीएम के जरिए रुपये मंगाते थे। क्राइम सेल ने आरोपितों के पास से 243 प्रीएक्टिवेटेड सिमकार्ड बरामद किए गए हैं। वहीं, दो फरार आरोपितों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
ये है पूरा मामाला :
पुलिस के मुताबिक, गिरोह का मास्टर माइंड मूलरूप से मऊ निवासी अभिषेक पाल यहा इंदिरानगर में रहता था। अभिषेक अपने बहनोई अरुण के अलावा, आशीष, खुर्शीद, शशाक और रितेश के साथ गिरोह संचालित कर रहा था। इनमें अरुण, शशाक व रितेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साइबर सेल के नोडल अधिकारी व सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, आरोपितों ने गोमती नगर के विकल्पखंड एवं इंदिरा नगर सेक्टर 14 में कॉल सेंटर खोल रखा था। मुखबिर की सूचना पर छापेमारी की गई तो पूरा मामला उजागर हुआ। ऐसे करते थे ठगी :
लोगों के नाम, पते व मोबाइल नंबर के जरिए आरोपित उन्हें फोन करते थे। ई-शॉपिंग बाजार डाट कॉम के गेटवे का इस्तेमाल कर पेटीएम में रुपये मंगाते थे। मूलरूप से केरला निवासी आरोपित शशाक नागर लोगों को झासे में लेता था। प्रभारी साइबर सेल विजय वीर सिंह सिरोही ने बताया कि शशाक और रितेश को अभिषेक 20 हजार प्रति माह वेतन देता था। अभिषेक की मुलाकात आशीष और खुर्शीद नाम के व्यक्ति से हुई थी, जिसके बाद सभी ने फर्जीवाड़ा शुरू किया था। आरोपित यूपी के लोगों से ठगी नहीं करते थे।
यह हुई बरामदगी :
आरोपितों के पास से, एक लैपटॉप, 15 मोबाइल फोन, नौ पैकैट डाटा के विवरण की हार्ड कॉपी, 11 रजिस्टर, दो डायरी, एक कार, एक बुलेट व एक स्कूटी बरामद की गई है। आरोपित एक सिमकार्ड का इस्तेमाल सिर्फ 15 दिन करते थे। आइजी रेंज ने फर्जीवाड़े का राजफाश करने वाली टीम को 20 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।