दस सरकारी भवनों में दिव्यांगों के लिए सुगम व बाधारहित होगा आना-जाना
दिव्यांगजनों के लिए सुगम व बाधारहित इंतजाम करने के लिए बजट तो पहले ही मंजूर हो गया था, लेकिन अब उसे हकीकत में बदलने का समय आ गया है और जल्द ही यह इंतजाम सरकारी भवनों में दिखाई देगा।
लखनऊ (अजय श्रीवास्तव)। शहर के सरकारी भवनों में जाना आज भी दिव्यांगजनों के लिए आसान नहीं है। कहीं रैंप नहीं तो कहीं सीढ़ी इतनी टेढ़ी हैं कि सामान्य लोगों को चढ़ने में संभलना पड़ता है। लिफ्ट है तो वहां तक पहुंचने के इंतजाम नहीं, ऐसे में ऊपर की मंजिल तय करना तो सपना ही रहता था। अब शहर के दस सरकारी भवनों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष इंतजाम होगा। दिव्यांगजनों के लिए सुगम व बाधारहित इंतजाम करने के लिए बजट तो पहले ही मंजूर हो गया था, लेकिन अब उसे हकीकत में बदलने का समय आ गया है और जल्द ही यह इंतजाम सरकारी भवनों में दिखाई देगा।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने निर्माण कराने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संस्था का चयन किया है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के निदेशक अनूप यादव ने संबंधित विभागों को पत्र भेजकर कहा है कि निर्माण कार्य चालू होने पर वह सहयोग प्रदान करें।
अगर उदाहरण के दौर पर नगर निगम मुख्यालय को लिया जाए तो यहां दिव्यांगजनों के लिए कोई इंतजाम नहीं है। वह अपने वाहन से दफ्तर में नहीं पहुंच सकते हैं और ऐसे में उन्हें सड़क पर ही रहकर मदद मांगनी पड़ती है। उनके लिए अलग से कोई काउंटर का भी इंतजाम नहीं है। इसी तरह लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर गन्ना संस्थान में ही दिव्यांगजनों के पहुंचने के इंतजाम नहीं है। ऐसा ही हाल टेढ़ी कोठी में परिवहन विभाग मुख्यालय का भी है। बालाकदर के नियंत्रक विधिक बांट माप विज्ञान विभाग में दफ्तर में पहुंचने के लिए तीन चार सीढि़यां बनी हैं। हालांकि सर्वे में महानगर में यातायात निदेशालय के भवन को भी चिंहित किया गया था, लेकिन अब निदेशालय शिफ्ट हो गया है, लिहाजा सर्वे में यह भवन बदला जाएगा।