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मुसीबत बन रहे जिन्ना जैसे मसलों पर भाजपा मंत्रियों-सांसदों के अतिवादी बयान

पीएम की सलाह के बावजूद विवादित बयान से बचने के लिए भाजपा के मंत्रियों, सांसदों और जनप्रतिनिधियों के बोलने पर कोई नियंत्रण नहीं लग पा रहा है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 09:36 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 09:36 PM (IST)
मुसीबत बन रहे जिन्ना जैसे मसलों पर भाजपा मंत्रियों-सांसदों के अतिवादी बयान
मुसीबत बन रहे जिन्ना जैसे मसलों पर भाजपा मंत्रियों-सांसदों के अतिवादी बयान

लखनऊ (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को विवादित बयान से बचने और जिम्मेदार लोगों को ही बोलने की सलाह दी थी लेकिन, भाजपा के मंत्रियों, सांसदों और जनप्रतिनिधियों के बोलने पर कोई नियंत्रण नहीं लग पा रहा है। ऐसे लोगों के बयान से पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो रही है। 

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग भाजपा सांसद सतीश गौतम ने की तो सियासी घमासान शुरू हो गया। इस बीच योगी सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को महापुरुष बता दिया। उनके इस बयान ने भाजपा में ही तूफान खड़ा कर दिया।

हरनाथ को निष्कासित करने की मांग

अभी हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने गये हरनाथ सिंह यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को भाजपा से निष्कासित करने की मांग कर दी। इस बीच लखनऊ एक कार्यक्रम में आये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इन्द्रेश कुमार ने जिन्ना को देशद्रोही और करोड़ों लोगों के कत्ल का जिम्मेदार ठहराकर इस मामले को हवा दे दी है। भाजपा सांसद द्वारा ही श्रम मंत्री को पार्टी से निष्कासित करने की मांग उठने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया कि नेतृत्व इस मामले में क्या कर रहा है। इस बाबत जब प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि 'मंत्री, सांसद, विधायक और जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को अतिवादी बयानों से बचना चाहिए। कोई भी बयान संयमित और मर्यादित होना चाहिए।

भाजपा मिशन 2019 की तैयारी में असमंजस 

भाजपा मिशन 2019 की तैयारी में है और आये दिन मंत्री, सांसद और विधायक अपने बिगड़े बोल से पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं तो पार्टी का असमंजस साफ दिख रहा है। कभी पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री और सहयोगी दल सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर सरकार पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप मढ़ देते तो कभी भाजपा के ही दलित सांसद अशोक दोहरे, डॉ. यशवंत सिंह और छोटेलाल खरवार केंद्र और प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठा देते हैं। भाजपा के कई नेताओं की दलील है कि जो कुछ भी माहौल बिगड़ रहा है वह बाहरी दलों से आये नेताओं की वजह से ही है। अगर इनके खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो इसका खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा। 


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