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प्रियंका के पद संभालते ही सपा-बसपा गठबंधन में खलबली, जानिए- कांग्रेस का प्लान

कांग्रेस की नवनिर्वाचित महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कल नई दिल्ली में अपना कार्यभार संभाला। इस दौरान कांग्रेस के दफ्तर में उनसे मिलने वालों में पूर्व बसपा नेता के पुत्र भी थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 11:30 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 11:56 AM (IST)
प्रियंका के पद संभालते ही सपा-बसपा गठबंधन में खलबली, जानिए- कांग्रेस का प्लान
प्रियंका के पद संभालते ही सपा-बसपा गठबंधन में खलबली, जानिए- कांग्रेस का प्लान

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा के गठबंधन से प्रदेश में खलबली मची है। टिकट के दावेदार सपा व बसपा के दफ्तरों में लगातार चक्कर लगा रहे हैं। जिनकी उम्मीद टूट रही है, उनको तो कांग्रेस सुरक्षित ठिकाना लग रहा है। सपा व बसपा के नेता कांग्रेस में जगह तलाश रहे हैं।

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कांग्रेस की नवनिर्वाचित महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कल नई दिल्ली में अपना कार्यभार संभाला। इस दौरान कांग्रेस के दफ्तर में उनसे मिलने वालों में पूर्व बसपा नेता के पुत्र भी थे। बसपा मुखिया मायावती के कभी बेहद खास रहे अतहर खान के पुत्र सुल्तान अहमद खान ने जब कल प्रियंका गांधी से भेंट की तो इसके बाद बसपा में खलबली मच गई।

प्रियंका गांधी के साथ कल कांग्रेस दफ्तर में भेंट की वायरल हो रही तस्वीर में जो दो शख्स बैठे हैं उनका नाम है सलमान अहमद खान और सुल्तान अहमद खान। सुल्तान के पिता अतहर खान उत्तर प्रदेश में बसपा के पुराने नेता थे। वह 32 वर्ष तक बसपा में रहे। प्रियंका गांधी से मिले सुल्तान अहमद खान ने 24 जनवरी को ही पिता अतहर खान के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। अतहर ने 12 मई 2017 को बसपा छोड़ दी थी।

अतहर खान ने बसपा से खुद कोई चुनाव नहीं लड़ा लेकिन अपने बेटे सुल्तान अहमद खान को बहराइच की माटेरा विधानसभा से चुनाव लड़वाया। अतहर खान अंबेडकर नगर के रहने वाले हैं फिलहाल बहराइच में रहते हैं। बेटे सुल्तान की प्रियंका से मुलाक़ात पर अतहर खान ने कहा कि प्रियंका उनके बेटे सुल्तान से मिली यह तो हमारे लिए बड़ी बात है। इससे पता चलता है कि प्रियंका गांधी जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व दे रही हैं।

कल उनके पुत्र सुल्तान अहमद खान ने कांग्रेस के एक नेता सलमान अहमद खान के साथ प्रियंका गांधी से भेंट की। अतहर खान बसपा में उत्तराखंड, झारखंड, गुजरात, दिल्ली के प्रभारी रहे। इसके साथ ही 2008 में अल्पसंख्यक आयोग के वाईस चैयरमेन, 2009 गन्ना शोध परिषद चैयरमेन, राज्यमंत्री का दर्जा था। 2010 में अतहर को विधान परिषद सदस्य बनाया गया था। वह बसपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। 


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