प्रदेश में हर साल निमोनिया से 40 हजार बच्चों की मौत : रीता बहुगुणा Lucknow News
लखनऊ में सेव द चिल्ड्रन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोली सांसद रीता बहुगुणा जोशी। एक से पांच साल के बच्चों पर जोर देने की जरूरत मां का दूध है अमृत।
लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश में हर साल करीब 40 हजार मौतें निमोनिया से होती हैं। इसके पीछे कुपोषण, इलाज की व्यवस्था के साथ ही ग्रामीणों में जागरूकता का अभाव भी अहम कारण है। ऐसे में निमोनिया के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है। ये बातें 'सेव द चिल्ड्रेन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं पर बच्चों व परिवार की जिम्मेदारी है। महिलाएं ही हैं जो बच्चों व परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर सचेत हैं। यूपी में निमोनिया का ग्राफ जन सहभागिता से शून्य किया जा सकता है। माताएं छह माह तक बच्चे को सिर्फ अपना दूध पिलाएं। इससे उसमें रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता आती है।
सफाई का रखें ध्यान
केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के विभागध्यक्ष सूर्य कांत त्रिपाठी ने कहा कि निमोनिया से हर मां अपने बच्चे को बचा सकती है, चाहे वह अमीर हो या गरीब। सिर्फ कुछ बातों को ध्यान देना होगा। वो खाने के लिए हाथ, पैर और मुंह धोकर बैठें। जंक फूड और फास्ट फूड से तौबा करें। संस्था से जुड़े डॉ. विनोद आनंद ने बताया कि लखनऊ व श्रावस्ती में सर्वे किया गया। इसमें पाया गया कि श्रावस्ती में 24 फीसद मां-बाप ऐसे थे जो निमोनिया होने के बाद भी अस्पताल नहीं गए और न ही घर में इलाज किया।