विश्व आत्महत्या निवारण दिवस: हर 15 मिनट में एक व्यक्ति कर रहा खुदकशी
दुनिया में हर साल जान देने वाले आठ लाख लोगों में युवा ज्यादा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वे में चौकाने वाली बात आई सामने।
लखनऊ[ज्ञान बिहारी मिश्र]। आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर वर्ष विश्व में आठ लाख लोग खुदकशी कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में प्रत्येक 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। वहीं भारत में यह आकड़ा 15 मिनट प्रति व्यक्ति का है।
भारत में आत्महत्या करने वाले तीन लोगों में से एक व्यक्ति 15 से 29 वर्ष की आयु वर्ग का है। खुदकशी करने वाले देशों में भारत 43वें नंबर पर है। वहीं आत्महत्या की दर 10 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों में तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में अभिभावकों को सतर्क और सजग रहने की दरकार है। वर्ष 2015 में देश में कुल 1,33,623 लोगों ने आत्महत्या की थी, जिनमें उत्तर प्रदेश के 3,903 लोग शामिल थे। वर्ष 2015 में सर्वाधिक महाराष्ट्र में 16,970 लोगों ने जान दे दी थी।
गतिविधियों पर दें ध्यान:
परिवारीजन अपने करीबियों की गतिविधियों पर ध्यान दें। मानसिक बीमारी, तनाव, काम का प्रेशर अथवा अचानक आई किसी परेशानी से लोग भटक जाते हैं। ऐसी दशा में घरवालों को हर कदम साथ रहने और उनकी काउंसिलिंग करने की आवश्यक्ता है। आत्महत्या करने वाले लोगों के लक्षण में एकाएक बदलाव देखा जाता है। ऐसे लोगों का परिवार से मोहभंग हो जाता है।
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक?
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉक्टर देवाशीष कहते हैं कि जो बच्चे या युवा आत्महत्या करने की सोचते हैं उनके व्यवहार में परिवर्तन नजर आने लगता है। माता-पिता या शिक्षक इसपर गौर करें और इसे हल्के में न लें। संदेह होने पर बिना देर किए चिकित्सक की सलाह लें ताकि आपका अपना लाडला मौत के मुंह में न जा सके।