गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में ईडी की चार राज्यों में बड़ी कार्रवाई, यूपी में सात ठिकानों पर छापा
लखनऊ में आज ईडी की टीम ने रिशु कंस्ट्रक्शन के प्रतिष्ठान पर छापा मारा है। गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट में बड़े घोटाले के मामले में यह छापा मारा गया है।
लखनऊ, जेएनएन। सपा शासनकाल में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने रिवर फ्रंट के निर्माण का काम करने वाली कंपनियों के लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र तीन ठिकानों व नोएडा के सेक्टर 62 स्थित एक ठिकाने समेत कुल सात स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इनमें ब्लैकलिस्ट होने के बावजूद रिवरफ्रंट निर्माण का काम करने वाली गैमन इंडिया लिमिटेड के ठिकाने भी शामिल हैं। यूपी के अलावा दिल्ली, राजस्थान व हरियाणा में भी छापेमारी की गई।
मंत्रियों-अफसरों की भूमिका की तलाश
ईडी ने निर्माण कार्य से जुड़े दो ठेकेदारों के ठिकानों को भी खंगाला है। ईडी ने कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिये हैं, जिनके जरिये तत्कालीन मंत्रियों व अधिकारियों की भूमिका के तार भी खंगाले जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच में सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों की कंपनियों के साथ भ्रष्टाचार में संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं। जांच के दायरे में वे नेता भी आ रहे हैं, जो निर्माण कार्य से जुड़े अहम फैसले लेते थे। उल्लेखनीय है कि सपा सरकार के कार्यकाल में रिवर फ्रंट के निर्माण में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि छापों में कई संदिग्ध बैंकिंग ट्रांजेक्शन सामने आये हैं।
बैंक से नकद ट्रांजेक्शन में बड़ी गड़बड़ी
रिवर फ्रंट का निर्माण कार्य करने वाली गैमन इंडिया लिमिटेड कंपनी के गोमतीनगर के विपुल खंड स्थित कार्यालय में छापेमारी के दौरान ईडी को रिवर फ्रंट निर्माण के दौरान के कुछ ऐसे बैंक ट्रांजेक्शन मिले हैं, जिनमें बड़ी रकम खातों से नकद निकाली गई। आशंका है कि यह रकम बतौर कमीशन नेताओं व अधिकारियों को पहुंचाने के लिए निकाली गई थी। ईडी ने कंपनी से रिवर फ्रंट के निर्माण में खर्च की रकम का पूरा ब्योरा मांगा है। ईडी ने गोमतीनगर के विवेक खंड में ठेकेदार अखिलेश सिंह के आवास पर भी छानबीन की और कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिये हैं। ईडी ने राजाजीपुरम स्थित एक कंपनी के ठिकाने पर भी छापेमारी की है।
चल रही सीबीआई जांच भी
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की सीबीआइ भी जांच कर रही है। सीबीआइ ने दो दिसंबर 2017 को रिवर फ्रंट घोटाले का केस दर्ज किया था। ईडी ने 28 मार्च 2018 को सिंचाई विभाग द्वारा लखनऊ के विभूतिखंड थाने में दर्ज कराई गई धोखाधड़ी की एफआइआर को आधार बनाकर सिंचाई विभाग के आठ अभियंताओं के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था।
योगी सरकार ने कराई थी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराई थी। हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने यह जांच की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में दोषी पाए गये अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की संस्तुति की थी।