गए थे बिजली चोरी पकड़ने, अब खुद ही आ गए कठघरे में
ऊर्जा मंत्री ने एमडी को दिए निर्देश, अवहेलना पर हो एक्शन। पहले से बने मकान में निर्माण करवाने पर कनेक्शन लेने की जरूरत नहीं।
लखनऊ, जेएनएन। राजाजीपुरम में उपभोक्ता के मकान में बिजली अभियंताओं का छापा, अब अभियंताओं के गले की फांस बन गया है। जांच टीम, स्वयं जांच के घेरे में आ गई है, वहीं अभियंताओं की कारस्तानी ने बिजली विभाग की छवि भी पिछले पांच दिनों में खूब धूमिल की। इससे नाराज ऊर्जा मंत्री ने मध्यांचल एमडी को निर्देश दिए हैं कि विद्युत नियामक आयोग के आदेश को अधीनस्थों को कंठस्थ करवा दीजिए, जिससे भविष्य में पुनरावृत्ति न हो। इससे बिजली महकमे की एक बार फिर किरकिरी हुई है।
राजाजीपुरम में उपभोक्ता बृजेश मिश्रा ने उपभोक्ता परिषद से शिकायत की थी कि अभियंताओं ने मकान के आंशिक हिस्से में निर्माण के दौरान छापा मारा और डेढ़ दशक पहले लिए गए बिजली कनेक्शन को अवैध ठहराते हुए जुर्माना लगा दिया। यही नहीं विरोध करने पर पुलिस बुलाकर अभद्रता की। इस मामले ने तूल पकड़ लिया। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पहले अभियंताओं से शिकायत की लेकिन सुनी नहीं गई। फिर ऊर्जा मंत्री से मिलकर अवगत कराया। उच्च स्तरीय जांच टीम गठित हुई, जिसने मौके पर पहुंचकर ऐसी जांच रिपोर्ट तैयार की, जो परिषद के अध्यक्ष व स्थानीय लोगों के गले नहीं उतरी। मामला बढ़ा और तीसरे दिन धरना प्रदर्शन शुरू हो गया।
वहीं अभियंताओं ने विद्युत नियामक आयोग की अवहेलना की, तो उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने आयोग में पूरे मामले की शिकायत कर दी और जांच टीम को जांच के घेरे में खड़ा कर दिया, अब जांच टीम में शामिल काबिल अभियंता स्वयं को असहज महसूस कर रहे हैं, क्योंकि पांच दिन में मध्यांचल की ओर अभी तक उनके बचाव में कोई बयान तक जारी नहीं हुआ। इससे स्पष्ट हो गया है कि टीम ने ऊर्जा मंत्री, एमडी मध्यांचल व नियामक आयोग को ताख पर रखकर जांच की।
उधर मंगलवार को एक बार फिर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने घटना क्रम से ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा को शक्ति भवन में मिलकर अवगत कराया, इससे पीडि़तों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।