आठ महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारियों ने ठप किया महिला हेल्पलाइन का 181 नंबर
वेतन न मिलने से परेशान महिला हेल्पलाइन कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने 181 हेल्पलाइन को ठप कर दिया। इससे फील्ड में कोई रेस्क्यू वैन भी नहीं निकल सकी।
लखनऊ, जेएनएन। करीब आठ महीने से वेतन न मिलने से नाराज महिला हेल्पलाइन के 181 नंबर की महिला कर्मचारियों ने मंगलवार को पूरी तरह काम ठप कर दिया। नाराज कर्मचारियों ने न तो कंप्यूटर पर लॉगिन किया और न ही कोई फोन कॉल रिसीव की। इससे हेल्पलाइन पर फोन करने वाली पीड़ित महिलाओं की भी कोई मदद नहीं हो सकी।
वेतन न मिलने से परेशान महिला हेल्पलाइन कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने 181 हेल्पलाइन को ठप कर दिया। इससे फील्ड में कोई रेस्क्यू वैन भी नहीं निकल सकी। कर्मचारियों ने बताया कि मंगलवार को वे अपनी समस्या लेकर महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाती सिंह के पास गई थीं, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अब बुधवार को वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी बात रखने की तैयारी में हैं। कर्मचारियों के मुताबिक बीते जुलाई माह से वेतन न मिलने वे कई बार सक्षम अधिकारियों और विभागीय मंत्री से कर चुकी हैैं, लेकिन उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा है।
इससे नाराज महिला कर्मियों ने मंगलवार को राजधानी के आशियाना क्षेत्र में आशा ज्योति केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। कॉल सेंटर में प्रतिदिन औसतन दो से तीन हजार कॉल आती हैं। इस 30 सीटर कॉल सेंटर के जरिए अब तक 53 हजार से अधिक महिलाओं की मदद की जा चुकी है। करीब 24 हजार महिलाओं तक रेस्क्यू वैन से सहायता पहुंचाई गई है। कर्मचारियों के मुताबिक योगी सरकार में इस योजना का विस्तार हुआ और मुख्यमंत्री ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत चल रही योजना को सभी जिलों तक पहुंचाया, लेकिन अब इसे बंद करने की साजिश हो रही है। 181 महिला हेल्पलाइन के साथ जिलों में इसके लिए करीब 400 महिला कर्मचारी काम कर रही हैैं।
महिला कल्याण की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने कहा कि महिला हेल्पलाइन में काम बंद होने की जानकारी नहीं है। हेल्पलाइन की संचालक संस्था जीवीके ईएमआरआइ के साथ कुछ मुद्दे हैैं, जिन पर बात की जा रही है। इसे सुलझाने के साथ ही अब हेल्पलाइन के लिए नया ओपेन टेंडर कराया जाएगा। जीवीके इएमआरआइ के मीडिया प्रभारी सुनील यादव ने बताया कि कंपनी ने अपने संसाधनों से कर्मचारियों को पिछले साल जुलाई तक के वेतन का भुगतान किया है। हम 181 महिला हेल्पलाइन सेवा को चला रहे है। राज्य सरकार से पैसा मिलते ही कर्मचारियों को वेतन दे दिया जाएगा।