बलरामपुर अस्पताल की मेन इमरजेंसी बंद, स्टाफ व मरीज समेत 10 से ज्यादा चपेट में
बलरामपुर अस्पताल की मेन इमरजेंसी बंद कोरोना मरीज की मौत के बाद 10 से ज्यादा लोग चपेट में।
लखनऊ, जेएनएन। बलरामपुर अस्पताल में मंगलवार को दोपहर इमरजेंसी वार्ड में मृत हुए मरीज की रिपोर्ट बुधवार को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया। अस्पताल के दूसरे वार्डों में भर्ती मरीज व उसमें कार्यरत स्टाफ भी संक्रमण की आशंका से भयभीत हो उठे। काफी देर तक अस्पताल के अंदर अफरा-तफरी मची रही। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल मेन इमरजेंसी को पूरी तरह बंद कर दिया।
वार्ड को सैनिटाइज कराया गया। अब 48 घंटे बाद इसे दोबारा खोला जाएगा। वहीं इमरजेंसी विभाग की सभी सेवाएं न्यू प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दी गई। मरीजों को भी इमरजेंसी वार्ड से शिफ़्ट कर दिया गया। डाक्टरों, स्टाफ व मरीज समेत करीब 10 से 12 लोगों के संक्रमित के संपर्क में आने की आशंका जताई जा रही है।फिलहाल अस्पताल ने डॉक्टर समेत दो-तीन स्टाफ को ही क्वॉरंटाइन किया है। अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने बताया कि मंगलवार को मरीज दोपहर 1:20 बजे इमरजेंसी वार्ड में आया था। डॉक्टर उसे देख ही रहे थे कि 1:50 पर उसकी मौत हो गई। वह बेहोशी की स्थिति में आया था। 52 वर्षीय मृतक कोरोना संक्रमित मौलवीगंज का रहने वाला था। उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया था डॉक्टर लोचन के अनुसार बी वार्ड में सिर्फ तीन-चार मरीज और भर्ती थे और वह मृतक मरीज से दूर-दूर थे। उन्होंने कहा कि स्टाफ पहले से ही संदिग्ध मरीजों को लेकर सतर्क रहता है। इसलिए सिर्फ दो-तीन स्टाफ को ही क्वॉरेंटाइन करने की जरूरत पड़ेगी। इन सभी का नमूना भी जांच को भेजा जा रहा है।
इमरजेंसी को सैनिटाइज करा दिया गया है, जिसे 48 घंटे बाद दोबारा खोल दिया जाएगा। अन्य कोई भी सेवा प्रभावित नहीं हुई है। इमरजेंसी सेवाओं को जारी रखा गया है। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर व स्टाफ मंगलवार को मरीज की मौत के बाद अन्य लोगों से भी मिले होंगे। इससे वह भी चपेट में आ सकते हैं। हालांकि डॉक्टर व स्टाफ की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अन्य की खोज की जाएगी।