यूपी में इन लोगों के घर की किसी भी वक्त कट सकती है बिजली, कनेक्शन काटने के मिल गए निर्देश
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अब बकायादारों पर सख्त कार्रवाई करेगा। त्योहारों के बाद 19 जिलों में मुफ्त बिजली इस्तेमाल कर रहे उपभोक्ताओं पर नकेल कसी जाएगी। स्मार्ट मीटर माइनस में जाने के बावजूद बिल जमा न करने वालों के कनेक्शन काटे जाएंगे। अभियंताओं को राजस्व वसूली में तेजी लाने और नई बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों में राजस्व को लेकर सख्ती होनी शुरू हो गई है। त्योहारों के बाद उन बकाएदारों पर नकेल कसी जाएगी जो महीनों से मुफ्त की बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं। स्मार्ट प्री पेड मीटर माइनस में चले गए लेकिन बिल जमा नहीं कर रहे हैं।
ऐसे उपभोक्ताओं के घरों व प्रतिष्ठानों की बिजली किसी भी समय जा सकती है। गोमती नगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग ने अपने जोन के अभियंताओं के साथ बैठक की। बैठक में शनिवार को निर्देश दिए कि ऐसे बकाएदारों को चेताते हुए बिल जमा करवाएं। अगर नहीं जमा करते हैं तो कनेक्शन काट दिए जाए। वहीं अभियंताओं ने बताया कि त्योहारी माह होने के कारण बिजली बिल जमा करने वालों की संख्या काफी कम रही।
मुख्य अभियंता सुशील ने गोमती नगर, चिनहट खंड, इंदिरा नगर, मुंशी पुलिया खंडों में बकाएदारों की सूची बनाकर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने बताया कि राजस्व वसूली में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।इसके अलावा चोरों जोन के मुख्य अभियंताओं ने नई बिजली व्यवस्था वर्टिकल को लेकर भी समीक्षा बैठक की।
बैठक में गोमती नगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग, जानकीपुरम जोन के मुख्य अभियंता वीपी सिंह, लखनऊ मध्य जोन के मुख्य अभियंता रवि अग्रवाल, अमौसी जोन के मुख्य अभियंता महफूज आलम ने अपने अपने कार्यालयों में राजस्व वसूली एवं वर्टिकल सिस्टम की समीक्षा की। चारों जोन की समीक्षा में अधिशासी अभियंता, उपखंड अधिकारी, अवर अभियंता व तकनीकी कर्मी भी मौजूद रहे।
कैसे करते हैं प्रार्थना पत्र डाउनलोड, उसे भी सिखाया
समीक्षा बैठक के दौरान अधिशासी अभियंता, उपखंड अधिकारी, अवर अभियंता व अन्य कर्मियों को स्मार्ट मीटर का प्रार्थना पत्र डाउनलोड करने एवं एप पर काम करने का तरीका सिखाया गया। यह ट्रेनिंग स्मार्ट मीटर कंपनी से जुड़े विशेषज्ञों ने दी। बता दें कि विभागीय अभियंताओं व कर्मियों को अभी तक यह काम करने न हीं आते थे। कइयों ने इसे सीख लिया है और कुछ को फिर से प्रशिक्षण देने की जरूरत है।

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