सरकारी विभागों पर 10 हजार करोड़ से ऊपर पहुंचा बिजली बकाया
प्रदेश के सरकारी विभागों पर बिजली बकाये की रकम सितंबर, 2017 तक 10,323 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। यह किसी अन्य प्रदेश के मुकाबले सरकारी बकायेदारों का सबसे बड़ी रकम है।
लखनऊ (जेएनएन)। मात्र कुछ हजार रुपये के बिजली बकाये पर किसी दबंग साहूकार की तरह उपभोक्ताओं के घर जा धमकने वाले बिजली विभाग के यह तेवर सरकारी बिजली बकायेदारों के आगे फीके पड़ रहे हैं। विभाग के हालिया आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के सरकारी विभागों पर बिजली बकाये की रकम सितंबर, 2017 तक 10,323 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। इस रकम के साथ ही किसी भी अन्य प्रदेश के मुकाबले उत्तर प्रदेश देश में सरकारी बकायेदारों का सबसे भारी बोझ उठाए नजर आ रहा है।
उदय योजना की मॉनीटरिंग कमेटी की बीती 12 जनवरी को हुई 10वीं बैठक में जब सर्वाधिक सरकारी बकाये वाले देश के आठ राज्यों का आंकलन हुआ तो प्रदेश के अधिकारियों के होश उड़ गए। सरकारी बकाये के मामले में प्रदेश का नाम सबसे ऊपर था। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बकाये के बावजूद बेधड़क और बेतहाशा बिजली जला रहे सरकारी विभागों के साथ पावर कारपोरेशन की भी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार चाहे तो बकायेदार विभागों के बजट में कटौती कर बिजली विभाग को शत-प्रतिशत बकाया अदा कर सकती है। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में पिछले साल 2017 में मार्च से सितंबर के बीच छह महीने में सरकारी विभागों पर बढ़ी 1470 करोड़ रुपये का बकाया बढऩे के बाद भी सरकारी विभाग मनमानी कर रहे हैैं, जबकि बिजली कंपनियां भी केवल कार्रवाई की औपचारिकता निभा रही हैं।
आठ राज्यों का बिजली बकाया
राज्य बकाया (करोड़ रुपये में)
उत्तर प्रदेश 10323
महाराष्ट्र 4650
केरल 4151
तेलंगाना 3862
आंध्र प्रदेश 3340
कर्नाटक 2134
हरियाणा 1021
राजस्थान 879