पॉलीटेक्निक में आठ हजार प्रवेश फर्जी, डोनेशन लेकर कर लिए दाखिले
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद और निजी संस्थानों की मिलीभगत, डोनेशन लेकर कर लिए दाखिले।
लखनऊ[जितेंद्र उपाध्याय]। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद और निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों की मिलीभगत से आठ हजार छात्रों का पॉलीटेक्निक में फर्जी प्रवेश हो गया। चार महीने बाद मामला प्रकाश में आया तो प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। राजधानी समेत प्रदेश के 141 सरकारी और 18 सहायता प्राप्त समेत 803 संस्थानों में पौने दो लाख सीटों पर प्रवेश के लिए 22 अप्रैल को परीक्षा हुई थी।
जून में परिणाम आने के बाद 15 अगस्त तक ऑनलाइन काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश होना था। बावजूद इसके निजी संस्थानों ने बगैर ऑनलाइन काउंसिलिंग डोनेशन से मनमाना प्रवेश ले लिया।
ऐसे हुआ खेल
सरकारी और सहायता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश से वंचित छात्रों को डोनेशन लेकर निजी संस्थानों में सीधे प्रवेश तो दे दिया गया, लेकिन उन्हें काउंसिलिंग की जानकारी नहीं दी गई।
ऐसे खुला फर्जीवाड़ा
20 नवंबर से शुरू होने वाली प्रयोगात्मक परीक्षा की तैयारी के साथ छात्रों ने जब अपने प्रवेश पत्र के लिए वेबसाइट देखी तो उनके नाम ही गायब थे। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद में शिकायत की गई तो परिषद ने आननफानन सभी आठ हजार प्रवेश को अवैध बताकर पल्ला झाड़ लिया।
क्या कहते हैं अफसर?
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एफआर खान का कहना है कि निजी संस्थानों की ओर से दिए गए करीब आठ हजार छात्रों के प्रवेश को अवैध माना गया है। छात्रों के भविष्य को देखते हुए इन अवैध प्रवेश को सही कराने की शासन से अनुमति मांगी गई थी। अनुमति मिलने के साथ ही अब इन छात्रों के प्रवेश को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही ऐसे संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी।