विधानसभा घेरने निकले शिक्षा प्रेरकों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
उत्तर प्रदेश विधानभवन घेरने निकले शिक्षा प्रेरकों पर आज पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिसमें कई महिलाएं, पुरुष और बच्चे घायल हो गए।
लखनऊ (जेएनएन)। मांगों को लेकर विधानभवन का घेराव करने जा रहे हजारों शिक्षा प्रेरकों और समन्वयकों पर मंगलवार सुबह 10:45 बजे बर्लिंगटन चौराहे पर पुलिस और पीएसी के जवानों ने लाठीचार्ज कर दिया जिसमें कई महिलाएं, पुरुष और बच्चे घायल हो गए। भगदड़ के दौरान कई राहगीर भी चोटिल हो गए। कुछ महिलाओं और पुरुषों के कपड़े फट गए। प्रेरक और समन्वयक आदर्श साक्षरता कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर विधानभवन का घेराव करने जा रहे थे। हजारों की संख्या में चारबाग स्टेशन से निकलकर पैदल रहे महिला और पुरुष प्रदर्शनकारियों के कारण स्टेशन रोड पर भीषण जाम लग गया। दफ्तर जा रहे लोग जाम में फंसकर बेहाल हो गए। चारों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
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पुलिस बल व पीएसी ने कैंट रोड पर बेरीकेडिंग कर दी, ताकि प्रदर्शनकारी विधानभवन की ओर न जा सकें। इस बीच प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे गुस्साई पुलिस ने उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। लाठीचार्ज में गोरखपुर बेलघाट के जर्नादन, सुनीता और बदायूं के प्रवेश कुमार का सिर फटा, हरदोई टेडिय़ांव के कमलेश चंद्र, बलिया की मीरा भारती, कुशीनगर के सुनील, इलाहबाद की प्रिया, बहराइच की रंजना और प्रतापगढ़ की सुमन के पैर में चोट आ गई। घायलों का इलाज सिविल अस्पताल, अलीगंज स्थित प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र समेत कई अन्य अस्पतालों में कराया गया।
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खाने के लाले पड़े
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह ने बताया कि 32 महीनों से प्रेरकों और शिक्षा समन्वयकों को मानदेय नहीं मिला है। मानदेय समेत विभिन्न मांगों को लेकर 10 जुलाई से संघ के लोगों के साथ वह लक्ष्मण मेला स्थल पर धरने पर बैठे थे। बावजूद इसके शासन ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। इलाहाबाद से आई शिक्षा प्रेरक प्रिया ने बताया कि 30 महीने से उन्हें मानदेय नहीं मिला है। इतनी महंगाई में घर खर्च नहीं चल पा रहा है। वह हाड़ तोड़ मेहनत कर दो हजार रुपये मानदेय पर बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं।
दिव्यांग और बच्चों को भी नहीं बख्शा
लाठीचार्ज करने वाली पुलिस ने दिव्यांग और बच्चों तक नहीं छोड़ा। बैसाखी के सहारे मांगों को लेकर विधानसभा जा रहे अलीगढ़ इगलास निवासी दिव्यांग गीतम सिंह को भी दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। प्रीतम ने बताया कि भगदड़ के दौरान वह गिर गया था। इसके बाद पुलिस ने उस पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी थी, जिससे उसकी पीठ और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं। वहीं, बलिया की मीरा भारती ने बताया कि उनके साथ दो साल की बेटी आकांक्षा भी थी। पुलिस ने बेटी को भी लाठियों से पीटा। पथराव के दौरान रायबरेली स्थित 25 वाहिनी पीएसी बटालियन के सिपाही चंद्रहास घायल हो गए। उनका दाहिना कान फट गया। इसके अलावा कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए।