रसोई के तेल ने पकड़ी महंगाई की आग, सरसों का तेल और रिफाइंड के दाम चढ़े
उत्तर प्रदेश में सरसों का तेल और रिफाइंड के दाम चढ़े फुटकर मंडी में सरसों का तेल और रिफाइंड 120 रुपये और फॉरच्यून 110 रुपये लीटर बिक रहा।
लखनऊ, जेएनएन। सर्दी के मौसम में तेल और रिफाइंड की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। बीते एक पखवारे से भाव का लगातार बढऩा जारी है। इसके पीछे व्यापारियों का मानना है कि सोया की फसल कम होने और निर्धारित से काफी कम माल निकलने की वजह से कीमतों पर असर पड़ा है। बची कसर ठंड के कारण विदेश से आने वाले पाम ऑयल की आपूर्ति न होना भी एक अहम कारण है। बाजार में खाद्य तेल काफी महंगा है। फुटकर मंडी में सरसों का तेल और रिफाइंड बीस रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। वहीं पाम ऑयल की कीमतों में भी बीस रुपये लीटर की तेजी दर्ज की गई है।
खाद्य तेलों के थोक कारोबारी विनोद अग्रवाल का कहना है कि फसल हल्की और उससे माल कम निकलने के कारण खाद्य तेल महंगा हुआ है। सहालग शुरू होने वाली हैं। ऐसे में खाद्य तेलों की खपत भी बढऩे वाली है। इससे कीमतों पर असर पड़ेगा। हालांकि सरकार ने इंपोर्ट डयूटी कम कर रखी है, लेकिन आपूर्ति पर्याप्त न होने से रेट में तेजी है। पंद्रह लीटर वाले टिन में सौ से सवा सौ रुपये का अंतर आ चुका है। फुटकर तेल कारोबारी शंकरलाल बताते हैं कि बाजार में सरसों का अव्वल तेल 120 रुपये लीटर पहुंच चुका है। वहीं टॉप रिफाइंड ऑयल 120 रुपये लीटर है। पॉम ऑयल की प्रति लीटर कीमत 100 रुपये है। शंकरलाल का कहना है कि मलेशिया से पॉम ऑयल की आपूर्ति होती हैं। एक बड़ा हिस्सा आयात किए जाने तेल पर निर्भर है। इसके चलते कीमतें चढ़ी हैं।
फुटकर मंडी
- खाद्य तेल पहले अब
- सरसों को तेल अव्वल-100-120
- रिफाइंड-100-120
- पॉम ऑयल-70-100
- आटा भी महंगा : मौसम की मार आटे पर भी दिख रही है। 1230 रुपये में मिलने वाली आटे की बोरी अब 1280 रुपये में बिक रही है। फुटकर बाजार में एक से दो रुपये प्रति किलो की तेजी है।