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रेलवे अफसरों के खोए मेटल कार्ड से चल रहा मुफ्त यात्रा का खेल, रेलवे प्रशासन चुप Lucknow news

ऑडिट में उत्तर रेलवे सहित देश भर से पकड़ी अनियमितता। रेलवे बोर्ड के आदेश के बावजूद खोए कार्ड व पास नहीं हुए ब्लॉक।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 01:09 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 07:14 AM (IST)
रेलवे अफसरों के खोए मेटल कार्ड से चल रहा मुफ्त यात्रा का खेल, रेलवे प्रशासन चुप Lucknow news
रेलवे अफसरों के खोए मेटल कार्ड से चल रहा मुफ्त यात्रा का खेल, रेलवे प्रशासन चुप Lucknow news

लखनऊ, (निशांत यादव)। अधिकारियों को मुफ्त यात्रा के लिए जारी होने वाले मेटल कार्ड और ड्यूटी कार्ड खोने के बाद रेलवे को मोटी चपत लगाई जा रही है। जिन हाथों में यह कार्ड पहुंचे हैैं, वे बेखौफ होकर रिजर्वेशन के जरिए यात्राएं कर रहे हैैं। कई कार्डों पर यात्रा का आंकड़ा 300 के पार है। मामला ऑडिट में पकड़ा जा चुका है लेकिन, रेलवे प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। सवाल उठता है, आखिर खोए कार्डों को किसके फायदे के लिए ब्लॉक नहीं किया जा रहा है। 

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ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, एसी क्लास में असीमित यात्रा के लिए उत्तर रेलवे के अधिकारी का कांस्य मेटल कार्ड 15 फरवरी 2015 को चोरी हुआ। इसके बाद कार्ड का प्रयोग करके 31 मार्च 2018 तक 363 बार रिजर्वेशन कराकर यात्राएं की गई। इसी तरह ईस्टर्न रेलवे के अधिकारी का फस्र्ट क्लास ड्यूटी कार्ड पास 31 दिसंबर 2016 को चोरी हुआ। उनके कार्ड से भी मार्च 2018 तक 145 टिकटों पर 285 यात्रियों के टिकट बन गए। जानकार कहते हैैं कि यह तो बानगी भर है। उत्तर रेलवे सहित देश के 11 जोनल में तीन साल के दौरान इन खोए मेटल कार्ड और पास पर रेलवे को लाखों रुपये का चूना लग चुका है। एक ऑडिट में यह खेल सामने आया है।

कराई एफआइआर , ब्लॉक नहीं कराए कार्ड

रेलवे अधिकारियों को एसी क्लास में असीमित यात्रा के लिए मेटल कार्ड व डयूटी कार्ड पास मिलता है। 2005 और 2011 के आदेश में साफ है कि ये कार्ड या पास खोने पर तुरंत पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के जरिए उन्हें ब्लॉक कराया जाए। बावजूद जोनल रेलवे के अधिकारियों ने कार्ड और पास खो जाने की एफआइआर तो दर्ज कराई, लेकिन उन्हें ब्लॉक नहीं कराया।

इतने आए मामले

  • तीन साल में 354 मेटल कार्ड और 397 पास खोने की सूचना मिली
  • 11 जोनल रेलवे के 15 मेटल पास और चार जोनल रेलवे के छह डयूटी कार्ड पास पर तीन साल में 768 टिकट अवैध रूप से बने
  • 303 टिकट उनके नाम से बने जिनके मेटल कार्ड व पास चोरी हुए
  • कर्मचारियों को मिलने वाले 3016 सुविधा पास की जांच की गई
  • 11552 कर्मचारियों ने गलत तरीके से पीआरएस से बुकिंग कराई
  • 487 कर्मचारियों के पास पर एक ही दिन समान स्टेशन के लिए दो से अधिक बार रिजर्वेशन पाए गए। 

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