हरी सब्जियों और हर्बल मसालों के सेवन से बदलते मौसम में खुद को रखें फिट Lucknow News
मौसमी फल हरी साग-सब्जियों संग किचन में रखे हर्बल मसालों का करें सेवन।
लखनऊ, [कुसुम भारती]। गर्मी और बारिश के बाद गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह और शाम को हल्की ठंड का अहसास होने लगा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि सर्दी का मौसम खुद को फिट रखने के लिए बेहद मुफीद होता है, क्योंकि इस मौसम में इस्तेमाल होने वाले मसाले, खाद्य पदार्थ, फल व हरी साग-सब्जियां सेहत को बहुत लाभ पहुंचाती हैं। इनमें प्रचुर मात्र में आयरन, कैल्शियम व इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाले गुण होते हैं, जिनका इस्तेमाल यदि मौसम की शुरुआत से करने लगेंगे तो आने वाले सर्द मौसम का आनंद सेहतमंद रहते हुए उठाया जा सकता है। इस मौसम में खाए जाने वाले गरिष्ठ भोजन व अन्य खानपान का असर भी आने वाले समय के लिए उपयोगी साबित होता है। घरेलू नुस्खों से बदलते मौसम में खुद को फिट रखने के लिए विशेषज्ञ दे रहे हैं सलाह।
आहार-विहार पर करें अमल
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय के पूर्व निदेशक व वरिष्ठ वैद्य, डॉ. यज्ञदत्त शुक्ला कहते हैं, मौसम बदलने के साथ ही व्यक्ति को अपने आहार और विहार दोनों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। आहार से मतलब खानपान से है और विहार का मतलब विचरण यानी दिनचर्या से है। इस मौसम में समय पर जागने और सोने के साथ ही व्यायाम और खानपान का ख्याल रखना जरूरी है। सुबह-शाम घर से निकलते समय बच्चे व बुजुर्ग मोटे कपड़े पहनें। नहाने में गुनगुने पानी का इस्तेमाल शुरू कर दें और टहलने जरूर जाएं।
चाय में अदरक या सोंठ करें इस्तेमाल
सर्दियां आते ही चाय-कॉफी का सेवन ज्यादा होने लगता है। इसलिए चाय बनाते समय उसमें अदरक या सोंठ जरूर डालें। यह चाय सर्दी-जुकाम से बचाती है। गरिष्ठ भोजन की जगह हल्का भोजन करें। सुबह या शाम को केला न खाएं। दोपहर में नमक छिड़ककर केला खाएं। ताजा व गर्म भोजन करें, बासी खाने से परहेज करें।
च्यवनप्राश व आयुर्वेदिक दवाएं लाभकारी
इस मौसम में होने वाली सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार में आयुर्वेदिक दवाएं भी लाभकारी होती हैं। किचन गार्डन में यदि औषधीय पौधे हों तो उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा वयस्क नारदीय महालक्ष्मी विलास की दो-दो गोलियां सुबह-शाम लें। बच्चों को एक-एक गोली चाय, गर्म पानी या गर्म दूध के साथ लेने से आराम मिलता है। इसके अलावा इस मौसम में परिवार के सभी लोग पांच ग्राम शीतोपलादी चूर्ण को शहद के साथ चाटें। साथ ही सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश दूध के साथ लें। शुगर व डायबिटीज के मरीजों के लिए बाजार में शुगर फ्री च्यवनप्राश भी मौजूद है।
आयरन का अच्छा स्रोत है राब
लोहिया संस्थान में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एसके पांडेय कहते हैं, इस मौसम में राब (गन्ने के रस से बना) बेहद लाभकारी होता है। इसमें प्रचुर मात्र में आयरन व कैल्शियम पाया जाता है जो बच्चों व बुजुर्गो की सेहत के लिहाज से लाभदायक होता है और तुरंत एनर्जी देता है। गुनगुने दूध में दो चम्मच राब मिलाकर रात में सोने से पहले पीना चाहिए। यह पाचन में सहायक होता है साथ ही गरिष्ठ भोजन को भी पचाने में मदद करता है। त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है।
तिल-गुड़, बथुआ, चना खाएं
इस मौसम में तिल, गुड़ का प्रयोग जरूर करें। शकरकंद, बथुआ, चना, हल्दी सहित किचन में इस्तेमाल होने वाले मसाले भी लाभ देते हैं। दालचीनी व इलायची कफ निकालता है और पिपली कफ बनने नहीं देता। बच्चों को दालचीनी, इलायची, पिपली, बंसलोचन सभी को एक-एक ग्राम शहद में मिलाकर सुबह-शाम चटाएं। वयस्क को दो-दो ग्राम ले सकते हैं।
पर्याप्त मात्र में करें पानी का सेवन
केजीएमयू में डाइटीशियन व न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शालिनी श्रीवास्तव कहती हैं, ठंड का मौसम शुरू होते ही ज्यादातर लोग पानी का सेवन कम कर देते हैं। खानपान का बदलाव तो ठीक है, पर कम पानी पीना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इस मौसम में भी शरीर को पानी की उतनी ही जरूरत होती है जितनी कि गर्मियों में। इसलिए मौसम कोई भी पानी खूब पीएं।
सांस के रोगी दवाएं न छोड़ें
लोहिया संस्थान में फिजीशियन, डॉ. रितु करोली कहती हैं, मौसम बदलने के साथ ही वायरल इंफेक्शन व सांस के रोगों का खतरा बढ़ता है। डायबिटीज के मरीजों को भी इस मौसम में अपना ध्यान रखना चाहिए। मौसम बदलने के साथ ही मौसमी खानपान का आनंद भी लेना चाहिए। सांस के रोगी दवाएं व इनहेलर लेते रहें।