वर्ल्ड डायबिटीज डे: टुकड़े में खाएं भोजन और व्यायाम करें तो दूर रहेगी बीमारी
दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व इंडोक्राइनोलॉजी यूनिट के हेड ने पाठकों के प्रश्नों ये जवाब दिए।
लखनऊ, जेएनएन। देश में 16 फीसद लोग डायबिटीज की गिरफ्त में हैं। दौड़भाग भरी जिंदगी में खानपान से लेकर व्यायाम तक की अनियमितता के कारण यह रोग तेजी से फैल रहा है। अचानक वजन घटना, बार-बार पेशाब लगना, ज्यादा भूख और प्यास लगना इसके लक्षण हैं। डायबिटीज पर नियंत्रण के लिए टुकड़ों में भोजन करना और नियमित व्यायाम करना जरूरी है। खाने में हरी सब्जियां, भुने चने और सत्तू का सेवन करें। दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व इंडोक्राइनोलॉजी यूनिट के हेड डॉ. डी हिमांशु ने पाठकों के प्रश्नों के जवाब दिए और उन्हें डायबिटीज से बचाव के लिए कई उपाए बताए।
प्रश्न : मेरी शुगर की एचबीएवनसी 8 है। दिन की बजाए रात में मेरी शुगर बढ़ी रहती है, क्या करूं?
(बीना शाह, निरालानगर लखनऊ)
उत्तर : आपने बताया कि रात में दूध के साथ आप गुड़ खा रही हैं। सबसे पहले गुड़ खाना बंद करें। रात में खाने के बाद जो गोलियां खा रही हैं, उसकी डॉक्टर के परामर्श पर डोज बढ़ाएं। रात को हल्का भोजन करें।
प्रश्न : मेरी खाने से पहले शुगर 115 और खाने के बाद 150 है। मगर एचबीएवनसी 7.3 है। क्या मेरे डायबिटीज है?
(एके निगम, कपूरथला लखनऊ)
उत्तर : देखिए आपको डायबिटीज है। यह कोई जरूरी नहीं कि खाना खाने से पहले व बाद में ही शुगर हो। यह दोपहर व शाम को भी बढ़ सकती है। आपको ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन है। इसमें शरीर में ब्लड सेल्स पर शुगर की कोटिंग हो जाती है। अगर हीमोग्लोबिन 12 से ऊपर हो तो इसकी जांच करवाएं। क्योंकि हीमोग्लोबिन दस से कम होने पर जांच सही नहीं आती।
प्रश्न : इंसुलिन लगाने के बावजूद मेरी खाना खाने के बाद का शुगर यानी पीपी 210 है। क्या खानपान रखूं?
(सुरेश चंद्र, कृष्णानगर लखनऊ)
उत्तर : आप खाना टुकड़ों में खाएं। सुबह नाश्ता अच्छे से करें। फिर दोपहर का भोजना उससे हल्का और रात का भोजन सबसे हल्का होना चाहिए। खाने व नाश्ते के बीच में सुबह 11 बजे व शाम चार बजे कुछ भी हल्का-फुल्का खा सकते हैं। भुने चने या सत्तू सबसे अच्छा होता है। इसमें प्रोटीन ज्यादा होता है और कैलोरी कम। इसके अलावा हरी सब्जी व फल में सेब, नाशपाती, पपीता व अमरूद खाएं।
प्रश्न : मेरी शुगर नियंत्रण में थी, लेकिन पिछले दिनों एक्सीडेंट के बाद फास्टिंग तो 105 है लेकिन पीपी 235 आई है? क्या करूं?
(अतुल चौरसिया, कसमंडी कला लखनऊ)
उत्तर : देखिए आपको स्ट्रेस हाइपर ग्लाइसिमिया हो गया है। कई बार तनाव के कारण शुगर बढ़ती है। तनाव कम होने पर घट जाती है। आप घबराएं नहीं एचबीएवनसी जांच करवाएं और रिपोर्ट के आधार पर इलाज करवाएं।
प्रश्न : भविष्य में शुगर न हो इसके लिए क्या उपाए करें?
(नौशाद बेग गोंडा)
उत्तर : भविष्य में शुगर न हो इसके लिए आप खानपान में संयम बरतें। चिकनाई कम खाएं। मैदा, कोल्ड ड्रिंक व फास्ट फूड भी न खाएं। सुबह आधा घंटा तेज टहलें, जिससे पसीना निकले और थोड़ी धड़कन बढ़े। क्योंकि रात में सोने के बाद सात-आठ घंटे बाद आप कुछ खाते हैं। ऐसे में सुबह का नाश्ता ढंग से करें, दोपहर का भोजन हल्का, रात में भोजन बहुत हल्का करें।
प्रश्न : मेरी फास्टिंग 110 व पीपी 180 और एबीएवनसी जांच 6.5 है? डायबिटीज से कैसे बचें?
(राजेश पांडेय, लखीमपुर खीरी व मुकेश गुप्ता, लखनऊ )
उत्तर : देखिए आपको बार्डर लाइन डायबिटीज है। आप डॉक्टर से मिलकर अपने वजन व लंबाई के अनुसार डाइट चार्ट बनवाएं। व्यायाम करें और लाइफ स्टाइल में बदलाव लाएं। खानपान में संयम बरतें। वॉकिंग, साइकिलिंग और स्विमिंग में से कोई एक चीज जरूर करें।
प्रश्न : मेरे ससुर को डायबिटीज है, उनके आंखों में दिक्कत हो रही है, खानपान में क्या परहेज करें?
(अमित पांडेय, विकासनगर लखनऊ)
उत्तर : देखिए भोजन में बदलाव करें। हरी सब्जी, कोई एक फल और टुकड़े में भोजन दें तो बेहतर होगा। आंखों में दिक्कत हो रही है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
प्रश्न : मुझे डायबिटीज है या नहीं इसकी जांच साल में कितनी बार करवाएं?
(राज कुंवर, इंदिरानगर)
उत्तर : साल में एक बार जांच करवाएं। डायबिटीज होने के लक्षण तेजी से वजन घटना, रात में पेशाब ज्यादा आना, पैर में झंझनाहट होना हैं।
50 ग्राम चावल तीन रोटी के बराबर कैलोरी देता है
50 ग्राम चावल तीन रोटी के बराबर कैलोरी देता है। अच्छा होगा कि आप भोजन में कम से कम चावल खाएं। अगर कभी चावल खाते भी हैं तो उस दिन सुबह व रात के अपने भोजन से तीन रोटियां घटा दें।
दांत में दर्द को न करें नजरअंदाज
अगर दांत में दर्द हो रहा है तो भी डायबिटीज हो सकती है। मसूड़े की नली सिकुड़ जाती है। इसे पैरोओडनटाइटिस कहते हैं। वहीं कंधे, अंगुलियों व जोड़ों में दर्द को भी नजरअंदाज न करें।