ई-कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क बनेगा मरीजों के लिए संजीवनी, विशेषज्ञों से टेलीकम्युनिकेशन से ली जाएगी मदद
कोरोना वायरस के वे मरीज जो पहले से हृदय रोग मधुमेह या किडनी आदि की गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं उनकी जान बचाने के लिए ई-कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क तैयार किया गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना वायरस के वे मरीज जो पहले से हृदय रोग, मधुमेह या किडनी आदि की गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उनकी जान बचाने के लिए ई-कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क तैयार किया गया है। इस नेटवर्क की मदद से कोविड-19 के लेवल वन से लेकर लेवल थ्री तक के अस्पतालों में टेलीकम्युनिकेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर की मदद से दूसरे रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टरों से कोविड-19 अस्पतालों में तैनात डॉक्टर तत्काल परामर्श लेकर इलाज कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के निर्देश पर हब एंड स्पोक मॉडल के तहत प्रदेशभर के सभी मंडलों को छह-छह जोन में विभाजित कर सभी जोन के लिए एक प्राइमरी हब अस्पताल और एक एडवांस हब अस्पताल आवंटित किया गया है।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे ने बताया कि अगर कोविड-19 अस्पताल में किसी मरीज की हालत अचानक खराब होती है तो विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टर को तुरंत मरीज की केस हिस्ट्री उसकी रेडियोलॉजी जांच, क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट का डाटा एक्सचेंज कर ऑडियो-वीडियो के जरिए तुरंत परामर्श लेकर इलाज किया जा सकेगा। पश्चिम जोन के छह मंडल जिसमें आगरा, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर के कोविड-19 अस्पतालों का प्राइमरी हब अस्पताल एलएलआरएम मेडिकल कालेज मेरठ को बनाया गया है और एडवांस हब अस्पताल संजय गांधी पीजीआई लखनऊ को बनाया गया है।
इसी तरह मध्य क्षेत्र के छह मंडल जिसमें लखनऊ, अयोध्या, चित्रकूट, देवीपाटन, कानपुर और झांसी का प्राइमरी हब अस्पताल जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर को और एडवांस हब अस्पताल केजीएमयू लखनऊ को बनाया गया है। इसी तरह पूर्वी क्षेत्र के छह मंडल आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, प्रयागराज, वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के कोविड-19 अस्पतालों के लिए प्राइमरी हब अस्पताल मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रयागराज को और एडवांस हब अस्पताल आइएमएस बीएचयू वाराणसी को बनाया गया है।
सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक टेली कंसल्टिंग के माध्यम से मेडिकल विशेषज्ञ, सॢजकल विशेषज्ञ गायनी विशेषज्ञ व क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ आदि एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। अगर प्राइमरी हब अस्पताल के विशेषज्ञ से समस्या नहीं हल हो रही तो एडवांस हब अस्पताल के विशेषज्ञ से मदद ली जाएगी। यह डॉक्टर टू डॉक्टर टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क है। इसमें हर मरीज का एक केंद्रीय रजिस्ट्रेशन नंबर होगा और उसकी सभी रिपोर्ट ऑनलाइन होगी। कहीं भी कोई भी डॉक्टर रजिस्ट्रेशन नंबर से मरीज की पूरी हिस्ट्री जान सकेगा और परामर्श देगा। हर मंडल की सप्ताहिक रिपोर्ट महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय को भेजी जाएगी।