Rain in Lucknow: लखनऊ में गिरा रावण का पुतला-मेघनाद सुरक्षित, पुतला दहन को लेकर असमंजस
Dussehra 2022 राजधानी लखनऊ में बारिश के बावजूद शहर का सबसे ऊंचा 70 फीट का रावण ऐशबाग रामलीला मैदान में पानी भरने के बाद भी सुरक्षित है। वहीं लगातार हो रही बारिश के कारण आतिशबाजी को लेकर असमंजस बना हुआ है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बुराई के प्रतीक रावण दहन से पहले बारिश ने खलल डाल दिया। बुधवार सुबह से हुई बरिश के चलते आयोजन स्थलों पर पानी भर गया तो दूसरी ओर रावण के पुतले भी गिर गए। आयोजकों के साथ ही मेले में आने वाले दुकानदार भी परेशान हैं। हालांकि अभी आयोजक देर शाम तक बारिश रुकने पर दहन की तैयारी में जुटे हैं।
कानपुर रोड सेक्टर-एफ रामलीला समिति के अध्यक्ष गोपाल जी मिश्रा ने बताया कि बारिश से मैदान भर गया है। रात नौ बजे रावण के पुतले का दहन होना था, लेकिन बारिश की वजह से पुतला गिर गया। बारिश बंद होने पर कारीगर को बुलाकर सही कराया जाएगा। मेघनाद के पुतले को अभी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन बारिश रुक नहीं रही है। ऐसे में आतिशबाजी और शोभायात्रा को लेकर असमंजस है।
पुतलों में लगे पटाखे भी भीगे
जय जगत पार्क में आलमबाग से श्रीराम की विजय शाेभायात्रा के साथ रावण व कुंभकरण के पुतले का दहन होना है, पुतलों को तो नुकसान नहीं हुआ, लेकिन जलभराव से परेशानी बढ़ गई है। संयोजक सदस्य अनिल कुमार ने बताया कि शाम पांच बजे आलमबाग से शोभायात्रा आनी है। बारिश नहीं रुकी तो स्थगित करना पड़ेगा। रावण के पुतलों में लगे पटाखे भी भीग चुके हैं। चिनहट, अलीगंज, आरडीएसओ, गोमतीनगर व एचएएल समेत अन्य स्थानों पर पुतला दहन को लेकर असमंजस है।
सबसे ऊंचा रावण सुरक्षित
बारिश के बावजूद राजधानी का सबसे ऊंचा 70 फीट का रावण ऐशबाग रामलीला मैदान में पानी भरने के बाद भी सुरक्षित है। कमेटी के सचिव आदित्य द्विवेदी ने बताया कि सर तन से जुदा, कट्टर पंथी विचारधारा और राष्ट्रविरोधी ताकतोंं का समूल नाश थीम पर बने रावण का दहन होगा। आतिशबाजी भी होगी। शाम 8:30 बजे दहन होगा। जलभराव होने के कारण पंप से पानी निकाला जाएगा। पुतला अभी खड़ा नहीं हुआ है। अंदर पुतला सुरक्षित है।
बारिश ने बढ़ाई दुकानदारोंं की परेशानी
दहन के दौरान लगने वाले मेले में आने वाले दुकानदार भी परेशान हैं। खाने पीने के सामानों का इंतजाम पहले से कर लिया था। जगह की बुकिंग भी हो चुकी है। बारिश नहीं रुका तो नुकसान हो जाएगा। कानपुर रोड पर हर साल मेले में चाट की दुकान लगाने वाले महेश मौर्या ने बताया कि एक दिन पहले से ही आलू और मटर खरीद लिया था। छोला तो भिगो दिया था। बारिश नहीं रुकी तो नुकसान हो जाएगा।