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व्यापारियों के विरोध के चलते सरकार ने ई-वे बिल व्यवस्था से खींचे कदम

वाणिज्य कर आयुक्त मुकेश मेश्राम ने निर्देश जारी कर ई-वे बिल व्यवस्था को 16 अगस्त से लागू करने को कहा है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 10:05 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 10:13 PM (IST)
व्यापारियों के विरोध के चलते सरकार ने ई-वे बिल व्यवस्था से खींचे कदम
व्यापारियों के विरोध के चलते सरकार ने ई-वे बिल व्यवस्था से खींचे कदम

लखनऊ (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत माल के परिवहन, अभिवहन और भंडारण के लिए लागू की गई ई-वे बिल व्यवस्था को राज्य सरकार ने व्यापारियों के विरोध के कारण 15 अगस्त तक स्थगित करने का फैसला किया है। वाणिज्य कर आयुक्त मुकेश मेश्राम की ओर से इस बारे में निर्देश जारी कर दिया गया है। ई-वे बिल व्यवस्था अब 16 अगस्त से लागू होगी। 

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ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य 

राज्य सरकार ने जीएसटी के तहत 26 जुलाई से माल के परिवहन, अभिवहन भंडारण के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया था। यह व्यवस्था प्रदेश के भीतर माल के आवागमन के साथ माल के अंतर राज्यीय परिवहन पर भी लागू थी। इस सिलसिले में जारी किये गए आदेश के मुताबिक, माल के परिवहन के लिए अलग-अलग स्थितियों में ई-वे बिल 01, ई-वे बिल 02, ई-वे बिल 03 और टीडीएफ 01 को जरूरी बताया गया था। सभी प्रपत्र वाणिज्य कर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किये जा सकते हैं। ई-वे बिल 01, 02 व 03 डाउनलोड करने से पहले वाणिज्य कर विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। 

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पहले रजिस्ट्रेशन तो हों

व्यापारी ई-वे बिल व्यवस्था को अनिवार्य किये जाने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि जीएसटी के लागू होने से पैदा हुईं व्यावहारिक दिक्कतों के बीच यह व्यवस्था कोढ़ में खाज साबित हो रही है। व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है तो वे ई-वे बिल कहां से लाएं। उनका यह भी कहना था कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग व्यवस्था लागू होने से पूरे देश मे समान कर प्रणाली की अवधारणा को ठेस पहुंचेगी। व्यापारियों की मांग थी कि जब जीएसटी काउंसिल देश भर के लिए ई-वे बिल का प्रारूप और प्रक्रिया तय कर दे, तब व्यापक विचार विमर्श के बाद इसे लागू किया जाए। 

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