बिना पर्चा बेच रहे थे दवा-इंजेक्शन, ड्रग टीम का छापा-दुकान पर लगा ताला
ड्रग टीम ने मारा छापा, बिना पर्चा पकड़ी दवा की बिक्री। अधिक पैसे लेकर दवा-इंजेक्शन बेचने के आरोप।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। कैसरबाग स्थित नाथ फार्मा पर ड्रग टीम ने छापा मारा। ऐसे में मरीजों के बजाए नशेड़ियों को दवा बिक्री के धंधे का भंडाफोड़ हुआ। लिहाजा, दुकान पर ताला लगाकर बिक्री पर रोक लगा दी गई है। एफएसडीए की ड्रग इकाई ने रविवार यानी 17 जून ढाई बजे के करीब कैसर बाग स्थित नाथ फार्मा पर छापा मारा। ड्रग इंस्पेक्टर रमा शकर के मुताबिक नाथ फार्मा बगैर डॉक्टर के पर्चे से शेड्यूल -एच दवाओं की बिक्त्री कर रहा था। यह दवाएं मरीजों के बजाए नशे के लती लोगों को महंगी दरों पर दी जा रही थीं। दुकान पर प्रमुख रूप से एंटी एलर्जी एविल इंजेक्शन, सिट्रिजिन टेबलेट, पेन किलर स्पास्मो प्रॉक्सिवॉन व सेडिनासील टेबलेट धड़ल्ले से बेचीें जा रहीं थीं। दुकानदार संबंधित दवाओं की बिक्त्री का ब्योरा मौके पर मुहैया नहीं करा सका। ऐसे में दुकान पर दवा की बिक्त्री की तत्काल रोक लगा दी गई, साथ ही उस पर ताला भी लगा दिया गया। टीम के सामने आए ड्रग यूजर्स:
ड्रग इंस्पेक्टर रमाशकर के मुताबिक मामले की पड़ताल के लिए थोड़ी देर बिक्त्री काउंटर बैठा गया। इस दौरान एक युवक व अन्य ग्राहक आए। वह बिना डॉक्टर के पर्चे पर एविल समेत अन्य दवा की माग की। उनके पास डॉक्टर के पर्चे नहीं थे। उनकी बाहों पर इंजेक्शन के निशान मिले। नशे के लती इन युवकों ने पहले भी दुकान से बिना पर्चा दवाएं व इंजेक्शन खरीदने की बात कबूली। अधिक दामों पर बेच रहे थे दवा:
ड्रग इंस्पेक्टर रमा शकर के मुताबिक मेडिकल स्टोर संचालक पर मनमानी कीमत पर भी दवा बेचने की शिकायत मिली। छापामारी के वक्त बतौर नशे के लिए दवा लेने आए लोगों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने एविल की तय कीमत से चार गुने के करीब अधिक रुपये वसूलने की बात सामने आई। वहीं डॉक्टर का पर्चा लाने पर इन दवाओं के रुपये कम कर दिए जाते थे। नशा करने वाले ज्यादा पैसे देकर दवा लेते थे। दवाओं के सैंपल लिए:
ड्रग इंस्पेक्टर रमाशकर व माधुरी ने नाथ फार्मा से दवाओं के सैंपल संग्रह किए। इस दौरान एविल इंजेक्शन, सिट्रिजिन टेबलेट, पेन किलर स्पास्मो प्रॉक्सिवॉन के तीन सैंपल लिए गए। उन्हें जाच के लिए लैब भेजा जाएगा।
छापे की भनक पर बंदकर भागा:
ड्रग इंस्पेक्टर रमाशकर के मुताबिक कैसरबाग का एक और मेडिकल स्टोर है। यह होम्योपैथ व एलोपैथ की दवाएं एक ही साथ रखकर बेच रहा है। मगर छापामारी की खबर पाकर वह बंद करके भाग गया। क्या कहना है संचालक का?
नाथ फार्मा संचालक शरद कुमार का कहना है कि दुकान पार्टनर शिप में है। अभी ड्रग इंस्पेक्टर की तरफ से कोई लिखित पत्र मुडो नहीं मिला है। निरीक्षण में उन्होंने क्या पाया है और क्या कार्रवाई की है। इसलिए कुछ नहीं कह सकता हूं।
क्या कहते हैं ड्रग इंस्पेक्टर?
ड्रग इंस्पेक्टर रमाशकर का कहना है कि नाथ फार्मा पर नशे के लिए अवैध तरीके से दवाओं की बिक्त्री हो रही थी। मेडिकल स्टोर पर ताला लगा दिया गया। वहीं शीघ्र ही लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्त्रिया की जाएगी।