सफर को सुरक्षित बनाएगी Drowsiness Detection Device, झपकी आने पर ड्राइवर को मिलेगा अलर्ट Lucknow News
उत्तर प्रदेश की बसों में ड्राउजनेस डिटेक्शन डिवाइस से महफूज बनेगा सफर। ब्लैक बॉक्स की तरह बस का पूरा डाटा भी सुरक्षित रखेगा।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 11:00 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। टी स्लीप डिवाइस सिक्स्थ सेंस के बाद अब परिवहन निगम अपनी बसों में ड्राउजनेस डिटेक्शन डिवाइस का प्रयोग करने जा रहा है। इसमें चालक के सामने कैमरा लगा होगा। ड्राइवर के झपकी लेते ही यह डिवाइस न केवल उसे जगाएगी, बल्कि बस में लगा इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स हवाई जहाज के ब्लैक बॉक्स की तरह पूरा डाटा भी सुरक्षित रखेगा। इसमें चालक की गलतियां और किसी भी तरह की दुर्घटना होने की पूरी जानकारी सुरक्षित रहेगी।
हादसे के बाद कंप्यूटर के माध्यम से इसे देखा जा सकता है कि चालक की गलती से हादसा हुआ है या फिर कोई अन्य कारण हैं। इसका ट्रायल लखनऊ रीजन की पांच बसों में दो दिन में शुरू हो जाएगा। यह डिवाइस चालक की फेस रीडिंग पर आधारित होगी।
इस तरह काम करेगी डिवाइस : चालक के सामने कैमरा लगा होगा। ड्राइवर को सुस्ती या झपकी आने पर इस डिवाइस में लगी कैशबेरी पाइ नाम की व्यवस्था के माध्यम से स्पीकर पर मैसेज डिलीवर होगा। मैसेज जाते ही यह पहले बीप-बीप की आवाज करते हुए अलर्ट देगा। उसके बाद अंग्रेजी में ‘वेकअप-वेकअप’ की आवाज के साथ चालक को जोरदार अलर्ट देगा।
बसों में लगेगी ड्राउजनेस डिटेक्शन डिवाइस
ड्राइवर को देगी अलर्ट और पूरे रूट पर रखेगी उसकी गतिविधियों पर नजर, पूरा ब्योरा बॉक्स में रहेगा सुरक्षित
क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया कि हादसों में कमी लाने और रूट का पूरा ब्योरा सुरक्षित रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रबंध निदेशक के निर्देशानुसार मार्ग पर दुर्घटनाएं कम करने के लिए चालकों को अधिक से अधिक अलर्ट पर लेने की कोशिश है। इसका ट्रायल पूरा होने के बाद डिवाइस को लेकर टेंडर प्रक्रिया होगी। उसके बाद बसों में इसे लगाया जाएगा।
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