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संसाधनविहीन 550 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों पर कसेगी नकेल, सुविधाएं न होने पर निरस्त होंगे लाइसेंस

दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग की पहल मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण की सुविधाएं ना होने पर निरस्त होंगे लाइसेंस।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:54 AM (IST)
संसाधनविहीन 550 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों पर कसेगी नकेल, सुविधाएं न होने पर निरस्त होंगे लाइसेंस
संसाधनविहीन 550 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों पर कसेगी नकेल, सुविधाएं न होने पर निरस्त होंगे लाइसेंस

लखनऊ [नीरज मिश्र]। प्रदेश भर में चल रहे 550 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में अव्यवस्था, संसाधनों की कमी जैसे हालात अब नहीं दिखेंगे। परिवहन विभाग ने इन पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। स्कूलों को ऑनलाइन कराया जा रहा है। संसाधनविहीन स्कूलों की सूची भी तैयार की जा रही है। इसके लिए तीन चरण में काम आगे बढ़ाए जा रहे हैं। स्कूलों में वाहन, इंस्ट्रक्टर की स्थिति, स्कूल का तकनीकी हाल परखा जाएगा। जांच के बाद मानकों पर खरा न उतरने वाले स्कूलों का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। योजना को अक्टूबर तक अमली जामा पहना दिया जाएगा।

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जुगाड़ के बल पर नहीं पाएंगे प्रमाणपत्र

राजधानी में 40 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल हैं। अब तक चंद घंटों और दिनों में जुगाड़ के सहारे प्रमाण पत्र हासिल करने वाले अकुशल चालक प्रमाण पत्र नहीं पा पाएंगे। उन्हें तय समयावधि में वाहन चलाना सीखना होगा। ऑनलाइन और सारथी पोर्टल से जुड़े होने से मुख्यालय स्तर से इसकी आसानी से निगरानी की जा सकेगी।

इन बिंदुओं पर बनेगा रिपोर्ट कार्ड

  •  स्कूलों का हाल, तकनीकी मशीनें और ट्रेनिंग देने वाले वाहनों की फिटनेस
  •  इंस्ट्रक्टर तकनीकी दक्ष हैं या नहीं
  •  एक कमरे से इंस्टीट्यूट और खटारा वाहनों से ट्रेनिंग की औपचारिकता वालों पर कार्रवाई
  •  ट्रेनिंग का घंटे, दिनवार पूरा ब्योरा
  • निजी वाहन चालकों को 21 दिन का प्रशिक्षण मिला है या नहीं
  •  कॉमर्शियल वाहन चालकों ने 30 दिन ट्रेनिंग पाई या नहीं
  •  बिना ट्रेनिंग कराए प्रमाण पत्र बांटने वाले चिह्नित होंगे
  • स्कूलों को ऑनलाइन कर सारथी पोर्टल से जोड़ा जाएगा
  • मोटर  ट्रेनिंग स्कूल खोले जाने के लिए ऑनलाइन लाइसेंस पाने की ही व्यवस्था रहेगी।
  • मैनुअल व्यवस्था पूरी तरह खत्म होगी।  ट्रेनिंग की फीस का भी होगा निर्धारण।

परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए विभाग की ओर से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। आगामी तीन-चार महीनों में व्यवस्था दुरुस्त करने के प्रयास हैं। मंशा है कि ट्रेनिंग स्कूलों से पूरी तरह प्रशिक्षित होने के बाद ही चालक गाडिय़ों की स्टीयरिंग पकड़े। फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों और बिना संसाधन वाले सेंटरों पर ऑनलाइन होने से सीधी सीधी निगाह रहेगी।


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