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Innovation in lockdown: आला थामने वालों ने बनाया ऑनलाइन पढ़ाई का स्वदेशी सिस्टम

लखनऊ स्थित केजीएमयू के दो डॉक्टरों ने दिखाया इंजीनियरिंग हुनर। स्कूल बंदी में विज लर्न‍िंग सिस्टम से की बच्चों की राह आसान। प्रचलित एप जूम से सुरक्षा के लिहाज से काफी बेहतर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 09:17 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 12:23 PM (IST)
Innovation in lockdown: आला थामने वालों ने बनाया ऑनलाइन पढ़ाई का स्वदेशी सिस्टम
Innovation in lockdown: आला थामने वालों ने बनाया ऑनलाइन पढ़ाई का स्वदेशी सिस्टम

लखनऊ, (कुमार संजय)। कोरोना काल में लगाए गया लॉकडाउन मुश्किल के साथ-साथ ने देश में 'इनोवेशन' के नए रास्ते भी खोलने में मददगार हुआ है। मुश्किल दौर में सबसे ज्यादा पढ़ाई को लेकर है, जिसका हल आला थामने और सर्जरी करने दो डॉक्टर दोस्तों ने स्वदेशी विज लर्न‍िंग सिस्टम ईजाद कर ढूंढा है।

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मेडिकल फील्ड से जुड़ा होने के बावजूद इंजीनियर‍िंग का कौशल दिखाने वाले यह डॉक्टर हैं, लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के डॉ. अजय शुक्ला और फोर्टीस अस्पताल में सर्जन डॉ. आलोक तिवारी। फिलहाल इनके ईजाद सिस्टम से करीब पांच हजार मेडिकल स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों ही दोस्त बाकी बच्चों की पढ़ाई के लिए भी यह सिस्टम पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराने की तैयारी में हैं। मकसद है, कोई बच्चा घर पर खाली न बैठे। उनका कोर्स ने छूटे।

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभी तक प्रयोग होने वाले जूम समेत तमाम सिस्टम के सिक्योरिटी फीचर पर सवाल उठते रहे हैं। सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले जूम पर तो व्यापक डाटा चोरी करने का आरोप लग चुका है। कई जगह यह प्रतिबंधित है। इन्हीं तमाम दिक्कतों को देखते हुए डॉ. अजय शुक्ला और डॉ. आलोक तिवारी ने स्वदेशी मेडविज लर्न‍िंग मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने की सोची। यह मौजूदा प्रचलित एप से काफी हद तक सुरक्षित है। सिस्टम का क्लाउड हैदराबाद की स्वदेशी कंपनी से लिया है। मेडविज लर्न‍िंग मैनेजमेंट सिस्टम को राजीव गांधी यूनिवर्सटी ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक से जुड़े सभी मेडिकल कॉलेज, भोपाल और बनारस के कुछ शिक्षण संस्थानों ने अपनाया है। करीब पांच हजार मेडिकल छात्र फिलहाल इस सिस्टम से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैैं।

ऐसा है सिस्टम

डॉ. अजय और डॉ. आलोक के मुताबिक, यह सिस्टम फेसबुक, जी मेल की तरह काम करता है। यहां स्टडी मेटेरियल पूरी तरह सुरक्षित है। सिस्टम पर कंट्रोल भी त्रिस्तरीय है। इसमें अध्यापक, छात्र सहित प्रबंधक उसपर नियंत्रण रख सकते हैैं। हालांकि, पढ़ाई से उलट सिस्टम बनाने में काफी मुश्किल आई। डॉ. अजय का कहना है कि अब हम थ्री डी एनीमेशन तकनीक पर भी काम कर रहे हैैं। इसके जरिए, आपके सीखने के अनुभव को और आसान बनाएंगे। मौजूदा सिस्टम को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. एएमसीआइ.नेट.इन पर जाकर शामिल हो सकते हैैं।

ऐसी है वर्चुअल क्लासरूम

  • एक बार रजिस्टर होने के बाद आप अपने आइडी, पासवर्ड और लिंक की सहायता से लोगों को इससे जोड़ सकते हैं। 200 छात्रों तक के लिए यह क्लास उपयोगी है। शिक्षक पीपीटी वीडियो एनीमेशन के जरिए पढ़ा सकते हैैं। अटेंडेंस, पोल, असाइनमेंट, इंटरेक्शन की सुविधा है। ऑनलाइन प्रशिक्षण सामग्री का आसान निर्माण। ऑनलाइन टेस्ट की सुविधा है।
  • यह प्रणाली तीन स्तर पर है। विद्यार्थी, शिक्षक और प्रबंधक। प्रबंधक शिक्षक के कार्यों पर निगरानी और सुझाव दे सकते हैैं। जान सकते हैैं कि पूरे संस्थान में कौन कितनी क्लास कैसे ले रहा है। कितने लोग सम्मलित हों रहें हैं। रिपोर्ट, ट्रैक, विश्लेषण आदि की पूरी सुविधा है।
  • ऑनलाइन, ऑफलाइन, मोबाइल और कंप्यूटर माध्यमों से आसानी से जुड़ सकते हैं। विश्व भर में कहीं भी एक्सेस कर सकते हैैं।
  • डेटा की सुरक्षा एंक्रिप्शन तकनीक से की जाती है। दूसरा कोई भी जब तक आप ना चाहें, आपका कंटेंट नहीं देख सकता। 

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