Move to Jagran APP

त्योहार की खुशियों में अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

एक तरफ त्योहार है तो दूसरी तरफ बदलता हुआ मौसम। इन दोनों में लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हैं। इससे सर्दी खांसी और वायरल इंफेक्शन की जद में आ जाते हैं। कुछ घरेलू नुस्खे और उपाय को ध्यान में रखा जाए तो संक्रमण से बचा जा सकता है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 05 Nov 2021 08:44 AM (IST)Updated: Fri, 05 Nov 2021 10:09 AM (IST)
त्योहार की खुशियों में अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें, इन बातों का जरूर रखें ध्यान
आरएमएलआइ के आयुर्वेद विभाग के डॉ एसके पांडेय बताते हैं कि नवंबर के माह में ध्यान देने की जरूरत है

लखनऊ, जागरण संवाददाता। एक तरफ त्योहार है तो दूसरी तरफ बदलता हुआ मौसम। इन दोनों में लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हैं। इसकी वजह से सर्दी, खांसी और वायरल इंफेक्शन की जद में आ जाते हैं। कुछ घरेलू नुस्खे और उपाय को ध्यान में रखा जाए तो संक्रमण से बचा जा सकता है। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद विभाग के डॉ एस के पांडेय बताते हैं कि नवंबर का महीना बदलते मौसम का महीना होता है। ऐसे मौसम में प्रतिदिन तापमान बदलता रहता है। इस लिहाज से कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि आपकी सेहत पर बदलते मौसम का असर न पड़े। 

loksabha election banner

विशेषज्ञ के मुताबिक कुछ बातें ध्यान देने वाली हैं

  • आने वाले कुछ दिनों तक आइसक्रीम, नींबू और चटनी जैसी चीजों का प्रयोग न करें।
  • पीने के लिए ठंडे पानी का उपयोग करना बंद कर दें।
  • इस मौसम में सूखी खांसी ज्यादा बढ़ती है। ऐसे में अदरक, तुलसी, काली मिर्च और शहद को मिलाकर दिन में तीन से चार बार खाएं।
  • लेमन ग्रास, सुदर्शन की पत्तियां या कालमेघ आदि में से किसी भी एक को गुड़ के साथ मिलाकर काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है।
  • तुलसी, दालचीनी, इलायची, पीपली, वंशलोचन और मुलेठी का काढ़ा इस मौसम के लिए सबसे फायदेमंद है।
  • दीपावली पर और बाद में पर्यावरण प्रदूषण में भी कुछ बढ़ोतरी होती है। प्रदूषण की वजह से गले में कोटिंग हो जाती है। ऐसी स्थिति में यदि आप पूरी तरह से फिट हैं फिर भी अदरक का एक चौथाई रस, दो काली मिर्च और एक चम्मच शहद का मिश्रण रात को सोने से पहले खाने से शरीर में हो रही टॉक्सीसिटी खत्म हो जाती है और गला बेहतर होगा।
  • छोटे बच्चों के लिए आधा ग्राम सितोपलादि चूर्ण शहद में मिलाकर देने से उन्हें वायरल या सर्दी खांसी जैसी कोई भी समस्या बदलते मौसम के साथ नहीं होगी।
  • इसके अलावा बच्चों को अदरक का रस, इलायची शहद में मिला कर दिया जा सकता है। यह कड़वा नहीं लगेगा और वह सर्दी खासी से भी बचे रहेंगे।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.