बचपन की चोट को न करें नजरंदाज : उम्र के साथ बढ़ सकती है तकलीफ; पुरुष होते हैं अधिक शिकार
जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड रिसर्च के प्रिवलेंस ऑफ डिसएबिलिटी इन उत्तर प्रदेश के शोध के अनुसार प्रदेश के एक लाख लोगों में से 2081 लोग निशक्त हैं। यह आकड़ा दो फीसद है। सबसे ज्यादा निशक्त कुशीनगर में हैं और सबसे कम ज्योतिफुलेनगर में हैं।
लखनऊ [कुमार संजय]। बचपन में लगी चोट को नजरंदाज न करें। आगे चलकर यही चोट आपके लिए समस्या बन सकती है और आपको असहाय बना सकती है। बढ़ती उम्र में देखने, सुनने और चलने-फिरने की समस्या आम हैं। इन समस्याओं में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की संख्या ज्यादा है।
जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड रिसर्च के प्रिवलेंस ऑफ डिसएबिलिटी इन उत्तर प्रदेश के शोध के अनुसार प्रदेश के एक लाख लोगों में से 2081 लोग निशक्त हैं। यह आकड़ा दो फीसद है। सबसे ज्यादा निशक्त कुशीनगर में हैं और सबसे कम ज्योतिफुलेनगर में हैं। रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक सुनने की परेशानी 514 प्रति लाख है। देखने की परेशानी 382 प्रति लाख और चलने -फिरने की परेशानी में 339 प्रति लाख लोग शामिल हैं।
सबसे अधिक निशक्तता वाले 10 जिले, प्रति लाख में
कुशीनगर- 3922
गाजियाबाद- 3102
प्रयागराज- 2992
बलिया- 2802
आगरा- 2748
कौशांबी- 2666
लखनऊ- 2616
वाराणसी- 2615
जौनपुर- 2600
कानपुर नगर- 2449
सबसे कम निशक्तता वाले 10 जिले, प्रति लाख
ज्योतिफुलेनगर -1447
बलरामपुर -1447
ललितपुर -1500
बांदा -1524
चित्रकूट-1566
संतकबीरनगर-1589
मुजफ्फरनगर-1602
हमीरपुर-1603
चंदौली-1636
आजमगढ़-1638
किस आयु वर्ग में कितनी है निशक्तता प्रति लाख
0 से 9- 1644
20 से 39- 2070
40 से 59-2314
60 से अधिक- 4276
किस लिंग और परिवेश में कितनी निशक्तता
पुरुष- 2263
महिला- 1881
ग्रामीण- 2039
शहरी - 2227
किस उम्र में कितनी कौन सी परेशानी
परेशानी
0-19, 20-39, 40 से 59, और 60 से अधिक
देखने- 283 311 451 1112
सुनने- 439 493 558 947
बोलने - 115 144 152 163
चलने- 202 403 375 878
मानसिक 81 110 96 70
बौद्धिक- 25 51 54 44
अन्य परेशानी- 85 84 85 396
एसजीपीजीआइ न्यूरोलाजिस्ट प्रो. रुचिका टंडन ने बताया कि विश्व में सबसे अधिक मौतें निशक्तता की वजह से होती हैं। प्रशिक्षण के बल पर इस प्रकार की मौतों पर काबू पाया जा सकता है। इन लोगों की मदद के लिए सभी को आगे आना चाहिए।