DR Sugestions on Coronavirus: कोरोना के बाद हल्के बुखार से न हो परेशान, इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर तो यह सलाह भी देते हैं कि यदि शाम को कभी-कभार कोरोना होने के बाद 99 डिग्री के आसपास फीवर हो जाए तो उसे नापना ही नहीं चाहिए। इससे मरीज के साथ परिवारीजन भी नाहक दबाव में आने के साथ तनाव में आ जाता है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के कई दिन बाद भी कुछ लोगों की शिकायत होती है कि उन्हें दूसरे तीसरे दिन शाम के समय हल्का बुखार आ जाता है। यही नहीं कुछ देर बाद बुखार बगैर दवा लिए ही उतर भी जाता है। इससे लोग चिंतित हो जाते हैं। अक्सर तो बगैर डॉक्टर की सलाह लिए ही सीटी स्कैन व ब्लड की जांच करवाने पहुंच जाते हैं। इससे मरीज तो परेशान होता ही है साथ ही परिवारजन भी भयभीत हो जाते हैं। यही नहीं, पैसा भी बर्बाद होता है। डॉक्टरों के अनुसार कोविड संक्रमण के नौ-दस दिन बाद बुखार उतरने के बाद भी यदि कुछ दिन बाद फिर 99 डिग्री के आसपास बुखार आ जाता है तो इससे परेशान होने की जरूरत नहीं।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डाॅ.डी.हिमांशु कहते हैं कि कोरोना संक्रमण होने के नौ-10 दिन बाद यदि लो ग्रेड फीवर जैसे 99 डिग्री के आसपास शाम के समय फीवर आता है और बगैर दवा के अपने-आप नॉर्मल हो जाता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं। उन्होंने बताया कि शाम चार बजे से रात सात-आठ बजे तक पोस्ट कोविड फीवर आ सकता है। खास बात यह है कि यह अपने आप उतर भी जाता है। यह दिक्कत कुछ समय रह सकती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं। बस ध्यान इस बात का रखना है कि बुखार 100 डिग्री के ऊपर तो नहीं जाता। यदि 100 डिग्री से नीचे बुखार रहता है तो यह कुछ दिन में अपने आप ही सामान्य हो जाएगा। इसे पोस्ट कोविड फीवर भी कहते हैं। कुछ लोगों में यह तीन महीने तक रह सकता है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में सतत निगरानी जरूरी है यदि मरीज को खांसी या किसी और तरीके की कोई दिक्कत जैसे सांस फूलना आदि नहीं है और उसका ऑक्सीजन लेवल 95 से अधिक रहता है तो चिंता की कोई बात नहीं है।बुखार को लेकर परेशान न हो, लेकिन यदि फीवर 100 डिग्री से ऊपर जाए तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।
दरअसल चिकित्सकों के अनुसार कोरोना संक्रमण समाप्त होने के बाद भी लगभग 30 फीसद लोगों को तीन महीने तक शरीर का तापमान एक डिग्री अधिक रह सकता है। ऐसा थर्मोरेगुलेटरी डिस्फंक्शन के कारण हो सकता है। ऐसा फीवर समय गुजरने के साथ धीरे-धीरे खुद ही चला जाता है और मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है। डॉक्टर तो यह सलाह भी देते हैं कि यदि शाम को कभी-कभार कोरोना होने के बाद 99 डिग्री के आसपास फीवर हो जाए तो उसे नापना ही नहीं चाहिए। इससे मरीज के साथ परिवारीजन भी नाहक दबाव में आने के साथ तनाव में आ जाता है। यह उसकी सेहत के लिए ठीक नहीं।