इमामबाड़े में कोई ड्रेस कोड नहीं, Scarf बांटने पर लगाई रोक Lucknow News
इमामबाड़े के लिए नहीं है ड्रेस कोड डीएम कौशल राज ने दिया स्पष्टीकरण। केवल भड़काऊ कपड़ों पर है नो इंट्री।
लखनऊ, जेएनएन। ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े व छोटे इमामबाड़े में भड़कीले कपड़े पहने लोगों के प्रवेश पर पाबंदी से मचे हंगामे के बाद डीएम व अध्यक्ष हुसैनाबाद ट्रस्ट ने किसी भी प्रकार के ड्रेस कोड को लागू करने से इंकार किया है। कहा, पर्यटकों के लिए किसी भी प्रकार का कोई ड्रेस कोड नहीं लागू किया गया है। केवल उन्हें ऐसे वस्त्र पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जो हमारी संस्कृति एवं परंंपरा के अनुरूप हो। उधर, घूमने आए पर्यटकों ने कहा कि जिला प्रशासन का यह फैसला देश की सभ्यता और संस्कृति से जुड़ा है। इसलिए किसी को भी इस फैसले पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इमामबाड़ा एक धार्मिक स्थल है, इसलिए पर्यटकों को भी इमामबाड़े की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।
शाहजहांपुर से अपने परिवार संग घूमने आए अंकुर अग्रवाल ने प्रशासन के फैसले का स्वागत किया। कहा, भड़कीले कपड़े पहने पर्यटकों को इमामबाड़े में प्रवेश नहीं देने का फैसला बिलकुल सही है। कन्नौज से आए विमलेश चंद्र तिवारी ने कहा कि प्रशासन का फैसला हमारी संस्कृति व सभ्यता से जुड़ा है, हर व्यक्ति को इसका पालन करना चाहिए। जयपुर से पत्नी सीमा के साथ आए राजेंद्र आवला ने कहा कि ड्रेस कोड नहीं होनी चाहिए। शालीन कपड़ों में कोई भी पर्यटक इमामबाड़े का दीदार कर सकता है। शहर की हनीफा सादया ने प्रशासन के फैसले का सही करार दिया। कहा कि इमामबाड़े की गरिमा का ख्याल रखना हम सब के लिए जरुरी है।
मुख्य गेट पर लगेगा बोर्ड
एडीएम पश्चिम संतोष कुमार वैश्य (सचिव, हुसैनाबाद ट्रस्ट) ने बड़े इमामबाड़े पहुंचे, यहां उन्होंने गाइडों से मुलाकात कर फैसले को लागू कराने के लिए पर्यटकों से शालीनता से अनुरोध करने की नसीहत दी। कहा कि केवल भड़कीले कपड़े पहने लोगों का इमामबाड़ा परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित है। यह निर्देश पहले से लागू है। अब इस फैसले को सख्ती से लागू कराया जाएगा। मुख्य गेट पर दिशा-निर्देश लिखा बोर्ड भी लगाया जाएगा। साथ ही मुख्य इमारत पर भी दिशा-निर्देश अंकित किए जाएंगे। शालीन कपड़े पहने पर्यटकों को प्रवेश दिया जाएगा। इस बीच उन्होंने इमामबाड़ा परिसर में बने एक बेड के अस्थायी अस्पताल का भी भ्रमण किया।
शुरू होगा अस्पताल
एडीएम ने कहा कि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इमामबाड़ा परिसर में बंद पड़े अस्थायी अस्पताल को खोलने के लिए प्रयास किया जाएगा। ताकि, पर्यटकों को स्वास्थ्य संबंधित लाभ मिल सके। बताते चले कि चार वर्ष पहले इमामबाड़ा परिसर में एक बेड का अस्थायी अस्पताल खोला गया था, लेकिन किसी कारणवश वह शुरू नहीं किया जा सका। इस अस्पताल को खोलने के लिए फिर से प्रयास किया जाएगा।
स्कार्फ बांटने से रोका
भड़कीले कपड़े पहने पर्यटकों को इमामबाड़ा परिसर में ट्रस्ट के गाइडों व कर्मचारियों ने स्कार्फ भी बांटे। इस बीच कई पर्यटकों ने स्कार्फ पहनकर मुख्य इमारत में प्रवेश किया। हालांकि, एडीएम ने स्कार्फ बांटने से रोक दिया। इसके बाद पर्यटकों को स्कार्फ बांटना बंद कर दिया गया और स्कार्फ को हटा दिया गया। गेट पर ही भड़कीले कपड़े पहने पर्यटकों को प्रवेश देने से पूरी तरह रोक दिया गया। वर्ष 2015 में भी पर्यटकों को गाइडों ने स्कार्फ बांटा था।
प्री वेडिंग शूट पर भी पाबंदी
प्रशासन ने इमामबाड़ा परिसर में फोटो व वीडियो बनाने के साथ प्री वेडिंग शूट पर भी पूरी तरह पाबंदी लगा रखी है। पर्यटक अपने साथ ट्राइपॉड कैमरे, वीडियो कैमरे नहीं ले जा सकेंगे। जिनके पास कैमरे होगा, उनको अपना कैमरा गेट पर जमा करना होगा। किसी भी तरह की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी के लिए पर्यटक को हुसैनाबाद ट्रस्ट की मंजूरी लेनी होगी।
नहीं कर सके दीदार
फैसले से बेखबर कुछ पर्यटकों को इमामबाड़ा गेट में प्रवेश नहीं मिल सका। गेट पर तैनात ट्रस्ट के कर्मचारियों ने भड़काऊ कपड़े पहने कुछ एक पर्यटकों को जिला प्रशासन के फैसले से अवगत कराया। कर्मचारियों के समझाने के बाद पर्यटकों को बिना भूलभुलैया के दीदार के वापस लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह कल फिर आएंगे।
पढ़ा रहे जागरण की खबर
दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का हवाला देकर ट्रस्ट के गाइड पर्यटकों को समझा रहे हैं। ट्रस्ट प्रशासन ने इमामबाड़े के मुख्य गेट पर दैनिक जागरण की खबर चस्पा कर रखी है। जब भी कोई पर्यटक गाइड से जिला प्रशासन के आदेश की कॉपी मांगता था, तो गाइड पर्यटकों को दीवार लगी लगी दैनिक जागरण की खबर का हवाला देकर उनको शालीनता से समझाते थे। पर्यटक खबर पडऩे के बाद वहां से लौट जा रहे थे।
बनेगी गाइड लाइन : डीएम
डीएम (अध्यक्ष, हुसैनाबाद ट्रस्ट) कौशल राज शर्मा ने कहा कि बड़ा और छोटा इमामबाड़ा ही नहीं ट्रस्ट की सभी ऐतिहासिक इमारतों में देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है। केवल ऐसे वस्त्र जो सभ्य समाज में स्वीकार्य हों और अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुरूप हों ताकि, दूसरी जगहों की तरह इन ऐतिहासिक स्थलों में किसी तरह की कोई अश्लीलता न दिखे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एएसआइ से बात करके जल्द ही गाइड लाइन भी बनेगी।