अफसरों को यहां भी हादसे का इंतजार
जागरण संवाददाता, लखनऊ: कुशीनगर की घटना के बाद अभी जिम्मेदारों की नींद पूरी तरह नहीं ट
जागरण संवाददाता, लखनऊ: कुशीनगर की घटना के बाद अभी जिम्मेदारों की नींद पूरी तरह नहीं टूटी है। शुक्रवार को स्कूलों के बाहर चालकों की मनमानी देखी गई। ोई टेंपो में मनमानी संख्या में सवारियां ले जाते मिला तो कोई ई-रिक्शा, बोलेरो और अलग-अलग रंगों की वैन से बच्चों को घर पहुंचाते दिखा। कइयों के पास तो ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। यही हाल बसों का था। जर्जर हो चुकी बसों में बच्चों को ले जाया जा रहा था। तस्वीरें इसकी तस्दीक कर रही हैं। बावजूद इसके अधिकारियों का प्रवर्तन कार्य आज भी सुनियोजित ढंग से होता नहीं मिला। जागरण ने सप्रू मार्ग चौराहा और शाहनजफ रोड स्थित स्कूल के बाहर खुलेआम नियम तोड़ते और बच्चों की जान जोखिम में डाल वाहनों का संचालन होते दिखा। पेश है रिपोर्ट..।
मर्जी का रंग, मनमाना संचालन
स्कूल के बच्चों को लाने-ले जाने के लिए पहला नियम है कि स्कूली वैन का फिटनेस के साथ ही उसका रंग पीला हो। यह पहली और मामूली शर्त ही तमाम वैन चालक पूरी करते नहीं दिखे। यूपी 32 सीजेड-3356, यूपी 32 ईएन-4582 समेत कई वाहनों के रंग तय कलर से अलग पाए गए। जबकि वाहन में बच्चे तो चालक को छोड़कर 13 की संख्या में करीब-करीब सभी में बैठे मिले। यूपी 32 ईके-2787 गाड़ी में भी नियम विरुद्ध तरीके से बच्चों को ढोया जा रहा था। इसी तरह किसान यूनियन के एक नेता की बोलेरो गाड़ी भी बच्चों को मनमाने तरीके ले जाते दिखी।
बस : पास में कम, सवारी ज्यादा लेकर चल रहे
यही हाल स्कूल बसों का था। 12 प्लस वन वाले पास की बस में 22 से अधिक बच्चे। 12 से अधिक सीट पर 26 या फिर उससे भी अधिक बच्चे बैठाए गए थे। यह दृश्य शाहनजफ रोड स्थित स्कूल के बाहर का था। बस संख्या यूपी 32 सीजेड-9808 की हालत काफी खस्ताहाल थी। धुआं उगलती बस को देखने से ही पता चल रहा था कि फिटनेस टेस्ट के दौर यह बस अधिकारियों की नजरों से गुजरी नहीं है या फिर जुगाड़ के दम पर स्कूल में लगी है। इसमें 26 से अधिक बच्चे सवार थे। एक अन्य बस संख्या यूपी 32 जीएन-1067 में 28 बच्चे बैठे थे। कैमरा देखते ही चालक ने गाड़ी दौड़ा दी।
टेंपो : परमिट कहीं और का, बच्चे लेने चले आए
टेंपो संख्या यूपी 32 सीएन-9641, रूट नंबर 45 पॉलीटेक्निक से मड़ियांव, लेकिन शाहनजफ रोड स्थित स्कूल के बाहर बच्चों को बैठाकर जा रही थी। 12 सवारियां इसमें भी थीं। इसका न तो रंग पीला था और न ही अन्य औपचारिकताएं पूरी थी। एक अन्य टेंपो संख्या यूपी 32जीएन-0273 में भी पहली ही शर्त पूरी नहीं हो रही थी। परमिट शर्तो का उल्लंघन करते हुए 37 नंबर रूट का यह टेंपो भी बच्चों को ले जा रहा था।
यहां तो ई-रिक्शा भी दौड़ रहे
यहां तो बच्चे ले जाते हुए ई-रिक्शा भी दिखे। यूपी 32एचएन-2380 में चालक के अलावा आठ बच्चे जाते मिले, जबकि यह बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने के लिए अधिकृत ही नहीं है।