यूपी के हर शहर और कस्बे में लगेगा दीपावली मेला, रेहड़ी और पटरी विक्रेताओं को मिलेगा बाजार
फुटपाथ पर सामान बेचने वाले रेहड़ी और पटरी विक्रेताओं को इस बार दीपावली पर व्यवस्थित बाजार मुहैया कराया जाएगा। सरकार ने हर शहर-कस्बे में दीपावली मेला लगाने का फैसला किया है। नगर विकास विभाग की ओर से सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं को निर्देश जारी किया गया है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। फुटपाथ पर सामान बेचने वाले रेहड़ी और पटरी विक्रेताओं को इस बार दीपावली पर व्यवस्थित बाजार मुहैया कराया जाएगा। सरकार ने हर शहर और कस्बे में दीपावली मेला लगाने का फैसला किया है। नगर विकास विभाग की ओर से सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं को निर्देश जारी किया गया है। इन मेलों में सामान बिक्री के साथ ही सांस्कृतिक आयोजन और सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ङ्क्षसह की ओर से बुधवार को इस संबंध में सभी जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी किया गया, इसमें कहा गया है कि दीपावली का पर्व चार नवंबर को है। उससे लगभग एक सप्ताह पहले यानी 28 अक्टूबर से दीपावली मेला शुरू किया जाए। इसके लिए उपयुक्त खुले स्थान का चयन कर लें।
पटरी विक्रेताओं के लिए स्थान, फूड स्टाल, बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए मंच और दर्शकों के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। स्पष्ट किया गया है कि मेले का मूल उद्देश्य पटरी विक्रेताओं को अधिक सामान बेचकर आय बढ़ाने का मौका दिया जाना है। मेला स्थल पर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत पंजीकृत या ऋण लेने वाले स्ट्रीट वेंडरों को पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। मेले के शुरुआती तीन दिन तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। यहां एलईडी स्क्रीन लगाकर प्रदेश सरकार की साढ़े चार वर्ष की उपलब्धियां प्रदर्शित करनी होंगी। स्वच्छता सेल्फी और सेल्फी विद ग्रेट लीडर्स सहित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए कहा गया है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों के लिए अलग से पंजीकरण डेस्क, एक जिला एक उत्पाद और सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के स्टाल भी रहेंगे। स्वच्छता और कोविड प्रोटोकाल के साथ यह आयोजन करने के लिए हर जगह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मेला प्रबंध समिति गठित की जाएगी। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी और जिलाधिकारी द्वारा नामित कोई एक अधिकारी सदस्य होंगे, जबकि स्थानीय निकाय के प्रभारी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।