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यूपी में स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता बांटने की रफ्तार सुस्त, 54% खातों में ही भेजी गई परिवर्तन लागत

यूपी के परिषदीय स्कूलों में लॉकडाउन व गर्मी की छुट्टियों की अवधि के लिए खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में मिड डे मील की परिवर्तन लागत व खाद्यान्न उपलब्ध कराने की रफ्तार बेहद सुस्त है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 08:56 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 09:53 AM (IST)
यूपी में स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता बांटने की रफ्तार सुस्त, 54% खातों में ही भेजी गई परिवर्तन लागत
यूपी में स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता बांटने की रफ्तार सुस्त, 54% खातों में ही भेजी गई परिवर्तन लागत

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को लॉकडाउन और गर्मी की छुट्टियों की अवधि के लिए खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में मिड डे मील की परिवर्तन लागत और खाद्यान्न उपलब्ध कराये जाने की रफ्तार प्रदेश में बेहद सुस्त है। प्रदेश के सभी जिलों को खाद्यान्न और परिवर्तन लागत की धनराशि मुहैया कराये जाने के दो महीने बाद भी सिर्फ 54 प्रतिशत छात्रों या उनके अभिभावकों के खातों में परिवर्तन लागत की रकम भेजी जा सकी है। वहीं 73 प्रतिशत बच्चों को ही अनाज का वितरण हो सका है।

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केंद्र सरकार के निर्देश पर परिषदीय स्कूलों के बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के तहत 24 मार्च से 30 जून तक रविवार और सरकारी छुट्टियों को छोड़कर 76 दिनों के लिए मिड डे मील के परिवर्तन लागत की धनराशि और अनाज दिया जाना था। परिवर्तन लागत की दरों के अनुसार प्राथमिक कक्षाओं के प्रत्येक बच्चे को इस अवधि के लिए 374.29 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को 561.02 रुपये का भुगतान किया जाना है। साथ ही, इस अवधि में मिड डे मील में इस्तेमाल किये जाने वाले खाद्यान्न का वितरण संबंधित इलाके के कोटेदार के माध्यम से किया जा रहा है।

मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से खाद्य सुरक्षा के भुगतान के लिए जिलों को पूरी धनराशि भेजी जा चुकी है। हाल ही में हुई समीक्षा में पाया गया कि अभी तक पांच जिलों में तो 20 प्रतिशत बच्चों के खातों में परिवर्तन लागत की राशि नहीं भेजी जा सकी है। वहीं तीन जिलों में 50 फीसद या उससे कम बच्चों को ही अनाज बांटा जा सका है। कुछ जिलों ने तो खाद्य सुरक्षा भत्ता बांटने के लिए धनराशि तक नहीं आहरित की है।

निदेशक मध्याह्न भोजन प्राधिकरण विजय किरन आनंद ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के सहयोग से हर हाल में 15 सितंबर तक बच्चों के खातों में परिवर्तन लागत की राशि भेजने और अनाज बांटने का काम पूरा करने का निर्देश दिया है। ऐसा न होने पर बीएसए जिम्मेदार होंगे।

पांच फिसड्डी जिलों में परिवर्तन लागत वितरण की स्थिति

  • जिला : वितरण प्रतिशत
  • गौतम बुद्ध नगर : 0
  • गाजीपुर : 05
  • सिद्धार्थनगर : 12
  • मेरठ : 15
  • मथुरा : 16

पांच जिले जिनमें सबसे कम हुआ अनाज वितरण

  • जिला : वितरण प्रतिशत
  • सिद्धार्थनगर : 15
  • गौतम बुद्ध नगर : 34
  • मथुरा : 50
  • हरदोई : 52
  • मऊ : 54

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